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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया आईआईएसएफ़ 2024 का आगाज, अगले चार दिनों तक भारत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने पर होगी चर्चा

नई दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के दसवें संस्करण का उद्घाटन किया। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्रीडॉ. हिमन्त विश्व शर्मा भी मौजूद थे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह फेस्टिवल कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस मंच से हम सभी विज्ञान के कई पहलुओं के साथ नॉर्थ ईस्ट को भी मना रहे हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस सालों में भारत को विज्ञान के क्षेत्र में विश्व में मान्यता मिली है। स्पेस के क्षेत्र को निजी सेक्टर के लिए खोल दिया गया है।आज भारत 1.75 लाख स्टार्ट अप के साथ विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पांच महीने में ही छह महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसमें मिशन मौसम, बायो इ 3, वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन, क्वांटम मिशन शामिल है।जितेन्द्र सिंह ने कहा कि असम पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेश द्वार है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व विकास किया गया है। साल 2014 से पहले यहां के तीन राज्यों में कनेक्टिविटी नहीं थी, वायरवेज नहीं थे, सड़कें नहीं थी। लेकिन पिछले दस सालों में यहां बहुत विकास हुआ है।
यह फेस्टिवल 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक चलेगा ।आईआईएसएफ़ 2024 में 8,000 से अधिक प्रतिनिधियों के आने तथा देश भर से प्रतिदिन 10,000 अतिरिक्त आगंतुकों के आने की उम्मीद है।यह आयोजन भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहलों के अनुरूप है और इसका उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विनिमार्ण के क्षेत्र में नवाचार और वैश्विक प्रतियोगितात्मकता को बढ़ावा देना।
साभार – हिस

 

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