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दशहरा तक सतर्कता बरतने के निर्देश
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छह जिलों में संक्रमण घटा, 3,543 मरीज हुए ठीक
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स्कूलों व ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष सावधानी के निर्देश
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लोक सेवा भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और राज्य के छह जिलों में फैले डायरिया प्रकोप की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और नए मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, लेकिन दशहरा तक सभी विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, जाजपुर, भद्रक, कटक, केंद्रापड़ा, ढेंकानाल और केंदुझर जिलों में डायरिया के मामले सामने आए हैं। हालांकि अब इन इलाकों में हालात सामान्य हो रहे हैं और संक्रमण की रफ्तार थमती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की।
संभावित इलाकों में भी बरती जाएगी सावधानी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन इलाकों में अब तक डायरिया का कोई मामला नहीं मिला है, वहां भी एहतियाती उपाय किए जाएं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
पेयजल व भोजन की सफाई पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने शुद्ध पेयजल की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा है। सभी स्कूलों में जल शुद्धिकरण की प्रक्रिया जारी रखने और स्वच्छता प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सड़क किनारे भोजनालयों और सार्वजनिक स्थलों पर सफाई और कीटाणुशोधन के आदेश भी दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के सभी ट्यूबवेल को उपचारित करने और नियमित रूप से जल की गुणवत्ता की जांच के निर्देश भी दिए गए।
अब तक 3,892 डायरिया मामले दर्ज
राज्य भर में अब तक 3,892 डायरिया मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 3,543 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। फिलहाल 254 मरीजों का इलाज चल रहा है।
जागरूकता अभियान तेज
सरकार ने सूचना-शिक्षा-संचार गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता अभियान को तेज कर दिया है। इसमें मिशन शक्ति की सदस्याएं, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कर्मी और स्वयं सहायता समूह सक्रिय रूप से लोगों से जुड़कर साफ-सफाई और रोग से बचाव के उपायों की जानकारी दे रहे हैं।
इस समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री डॉ मुकेश महालिंग, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव अश्वथी एस और पंचायती राज, शहरी विकास, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि डायरिया के खिलाफ यह लड़ाई केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि सामुदायिक जागरूकता, जल-भोजन की गुणवत्ता और व्यक्तिगत साफ-सफाई के मजबूत तंत्र पर आधारित होनी चाहिए।