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कोरापुट दौरे पर धर्मेंद्र प्रधान ने किया हाल इकाई का निरीक्षण

  • स्थानीय विकास को लेकर दिए महत्वपूर्ण सुझाव

कोरापुट। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को ओडिशा के कोरापुट जिले के सुनाबेड़ा स्थित हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (हाल) की इकाई का दौरा किया और एक उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेकर हाल प्रतिनिधिमंडल को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

हाल द्वारा एमआईजी और सुखोई सीरीज के विमानों के लिए इंजन और कलपुर्जों के निर्माण को लेकर मंत्री प्रधान ने संस्थान की वैश्विक प्रतिष्ठा की सराहना की। उन्होंने एयरोनॉटिक्स, एवियोनिक्स, रक्षा और संबंधित क्षेत्रों में हाल की तकनीकी क्षमता को अत्यधिक प्रशंसनीय बताया।

बैठक के दौरान प्रधान ने कोरापुट में स्थित सुविधाओं के आधार पर हाल केंद्रित एक मजबूत एमएसएमई  क्लस्टर विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर सृजित होंगे और क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को भी बल मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कोरापुट, मालकानगिरि, नवरंगपुर और रायगड़ा जिलों के स्कूलों में हाल एसटीईएम लैब (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित शिक्षा हेतु प्रयोगशाला) विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि हाल को आईआईटी मद्रास और केंद्रीय विश्वविद्यालय, कोरापुट के साथ मिलकर एयरोस्पेस व रक्षा क्षेत्र में डिप्लोमा और स्नातक पाठ्यक्रम प्रारंभ करने चाहिए।

उन्होंने कहा कि ये कदम न केवल स्कूली स्तर पर नवाचार को प्रोत्साहित करेंगे, बल्कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दक्ष और प्रतिभाशाली मानव संसाधन के निर्माण में भी सहायक सिद्ध होंगे।

प्रधान ने यह भी कहा कि हाल की कोरापुट इकाई सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने, और आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा व अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

इसके अलावा, उन्होंने हाल द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत स्थानीय क्षेत्र में खेल, कौशल विकास, शिक्षा और हरित विकास को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की भी सराहना की।

अपने दौरे के दौरान प्रधान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” आह्वान का हवाला देते हुए हाल प्रतिनिधिमंडल को कोरापुट कॉफी, कोटपाड़ हथकरघा उत्पादों और जनजातीय सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने का सुझाव भी दिया।

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