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ओडिशा सरकार ने एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक को पैनल से हटाया

  • योजनाओं में लचर प्रदर्शन और मानकों की अनदेखी पर हुई सख्त कार्रवाई

  • सभी सरकारी लेन-देन तत्काल बंद करने का निर्देश

  • दो वर्षों से नजर रख रही थी सरकार

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने एक अभूतपूर्व और निर्णायक कदम उठाते हुए निजी क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंकों  एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक को अपने अधिकृत बैंकिंग पैनल से हटा दिया है, जो अब सरकारी लेन-देन और जमा राशि प्रबंधन के लिए अधिकृत नहीं रहेंगे।

 यह कार्रवाई पिछले दो वर्षों में इन बैंकों द्वारा राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लगातार खराब प्रदर्शन और बैंकिंग मानकों की अनदेखी को देखते हुए की गई है।

वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, सरकार इन बैंकों के कार्यों पर लंबे समय से नजर रख रही थी। राज्य प्रायोजित योजनाओं, विकास कार्यक्रमों और जन-कल्याण से जुड़े बैंकिंग कार्यों में इन बैंकों का उत्साहहीन और असंतोषजनक रवैया सामने आया।

चेतावनी और अपील पर भी कोई ठोस बदलाव नहीं

बार-बार चेतावनी देने और सुधार की अपील के बावजूद कोई ठोस बदलाव नहीं हुआ। इन बैंकों की न तो योजनाओं की पहुंच बढ़ी, न ही सेवा गुणवत्ता में सुधार दिखा। इसके चलते सरकार ने इन बैंकों के साथ अपना आर्थिक संबंध समाप्त करने का फैसला लिया।

सभी विभागों को जारी हुआ सख्त सर्कुलर

वित्त विभाग के प्रधान सचिव शास्वत मिश्र ने राज्य सरकार के सभी विभागों, निदेशालयों, प्रमुखों, एजेंसियों, सार्वजनिक उपक्रमों, संस्थाओं और विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज्य वित्त विभाग ने एक औपचारिक सर्कुलर में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक को सरकारी लेन-देन हेतु अधिकृत बैंकों की सूची से तत्काल हटाया जाए। इन बैंकों में अब कोई भी सरकारी निधि जमा या स्थानांतरित नहीं की जाए। इन बैंकों में पहले से मौजूद सभी प्रकार के सरकारी खाते, बचत, चालू या अन्य तुरंत बंद किए जाएं।

जवाबदेही और पारदर्शिता की ओर सरकार का सख्त रुख

सरकार का यह निर्णय साफ तौर पर बैंकिंग संस्थाओं की जवाबदेही और पारदर्शिता को प्राथमिकता देने की दिशा में बड़ा संकेत है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि जो बैंक सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहयोग नहीं करेंगे, उन्हें अब सरकारी वित्तीय लेन-देन से बाहर किया जाएगा।

वित्त विभाग ने साफ कर दिया है कि आगे से केवल वही बैंक अधिकृत होंगे जो संचालन में दक्षता, पारदर्शिता और जनसेवा की भावना प्रदर्शित करेंगे।

प्रतिस्पर्धा और सुधार की संभावना

इस निर्णय के बाद राज्य में काम कर रहे अन्य बैंकिंग संस्थानों पर भी यह स्पष्ट संदेश गया है कि केवल ब्रांड नहीं, प्रदर्शन ही प्राथमिकता है। यह नीति बदलाव बैंकिंग क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सेवा सुधार को बढ़ावा देगा।

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