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आरती’ और ‘पूजा’ जैसे अनुष्ठानों में भाग लेने पर पुष्पलक सेवकों के निलंबन की संभावना
भुवनेश्वर। दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में ‘आरती’ और ‘पूजा’ जैसे अनुष्ठानों में भाग लेने पर पुष्पलक सेवकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है, जिसमें निलंबन की संभावना भी शामिल है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह निर्देश पुरी श्रीमंदिर के ‘पुष्पलक नियोग’ प्रमुख हरिकृष्ण सिंहारी द्वारा जारी किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, यह चेतावनी सुआर और महासुआर सेवकों को दी गई हालिया चेतावनियों की तरह है, जो दीघा मंदिर में भोजन पकाने के कार्य में लगे हुए थे। इससे पारंपरिक धार्मिक प्रथाओं के पालन को लेकर चिंता बढ़ गई है।
दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन आगामी अक्षय तृतीया उत्सव के दौरान होने वाला है। प्रशासन भव्य समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में दिन-रात जुटा हुआ है, जिसमें विशिष्ट अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था भी शामिल है।
उद्घाटन समारोह में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, राजनीतिक नेता, शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी, प्रसिद्ध उद्योगपति और विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों के शामिल होने की उम्मीद है। फिल्मी जगत की हस्तियां भी इस अवसर पर चार चांद लगा सकती हैं।
भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन बलभद्र व सुभद्रा को समर्पित यह मंदिर पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है। यह दीघा रेलवे स्टेशन के पास 22 एकड़ में फैला है और इसकी निर्माण लागत लगभग 250 करोड़ रुपये बताई जा रही है।