Home / Odisha / पुरी में श्रीमंदिर के समक्ष नागा साधुओं का विरोध प्रदर्शन

पुरी में श्रीमंदिर के समक्ष नागा साधुओं का विरोध प्रदर्शन

  • मुख्यमंत्री से लंगूली मठ जल्द बनाने की मांग

  • धुनि दर्शन से वंचित किया पुलिस ने, नागा साधुओं ने दिया धरना

  • फर्जी महंत को गिरफ्तार करने की मांग

प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी

श्रीमंदिर के 75 मीटर सौंदर्य करण दायरे में आने वाले 600 साल पुरानी लंगूली मठ के निर्माण की मांग नागा साधुओं ने की है. साथ ही उनके मठ पर कब्जा जमाने का प्रयास कर रहे फर्जी महंत को गिरफ्तार करने की मांग भी की है. नागा साधुओं का दावा है कि उसे महंत पर नियुक्त नहीं किया गया है. वह एक कर्मचारी है और मठ पर कब्जा जमाने का प्रयास कर रहा है.

मठ को पुरी जिला प्रशासन ने सौदर्यीकरण के लिए पिछले दिनों तोड़ दिया था. नागा-साधुओं की धुनि जलाने की यहां परंपरा पिछले 600 साल से चली आ रही है. इस बीच यहां पर एक व्यक्ति मठ पर कब्जा करके खुद को महंत के रूप में प्रशासन के सामने स्थापित कर रहा है. देशभर के जो भी नागा-साधु धुनि दर्शन पूजा पाठ के लिए यहां पर विराजमान होते हैं, उनको पुलिस के सहयोग से भगा दिया जाता है. दर्शन की धुनि जलाने की अनुमति नहीं दी जाती है. इस घटना को लेकर देशभर के नागा संप्रदाय में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली है. वाराणसी नागा संप्रदाय के श्री पंचनाम जूना अखाड़ा से, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व अन्य प्रांतों से 50 से ज्यादा नागा-साधु संत पुरी के निरंजन गाड़ी में पहुंचे और एक विशाल जुलूस के रूप में श्रीमंदिर के सामने पहुंचे.

इस दौरान हर-हर महादेव, अलख निरंजन, नमोनारायण नमोनारायण ध्वनि से चारों तरफ शुद्ध वातावरण फैलाते हुए मठ की तरफ शारीरिक कला दिखाते हुए गये. लेकिन वहां पर पुलिसकर्मियों ने रोका तो नागा साधु धरना पर बैठ गए. नकली महंत को चुनौती देने के साथ नवीन पटनायक ओडिशा सरकार से निवेदन किया कि जल्द ही तोड़े गए मठ का निर्माण करें. श्रीमंदिर के चारों दरवाजे से अन्य दरवाजे पर उपयुक्त स्थान पर उन्होंने निर्माण करके धूनी को स्थापित किया जाए.

मठ की देखभाल करने वाले एक कर्मचारी सबको झांसा देकर महंत के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है. इसका भी विरोध किया गया और पुलिस प्रशासन से तुरंत इस नकली व्यक्ति को बाहर निकाले की मांग की गयी. उनका कहना था कि उसे हमारे सामने पेश किया जाये. अगर वह खुद को असली बताता है तो हमारे सवालों के उत्तर मीडिया के सामने दे. हमारे यहां नियम के अनुसार इसे महंत घोषित नहीं किया गया है. इसके खिलाफ कार्रवाई की जाए और हमें धुनि दर्शन की मौका दिया जाए. धरना के महत्व को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और नागा-साधुओं से चर्चा करके शांत करवाया. नागा-साधु संत ने जिलाधिकारी को लिखित रूप से अवगत कराया और कार्रवाई की मांग की. साथ ही जिला एसपी को भी सूचित किया गया. खास तौर पर सबने गोवर्धन पीठ पहुंचकर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के पावन दर्शन करने के साथ इस समस्या के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए मार्गदर्शन प्राप्त किया. इन सभी कार्यक्रम में भारत पुरी, विश्वनाथ पुरी, सत्यानंद पुरी, विष्णु गिरि, कन्हैया पुरी, लिंगराज पुरी प्रमुख उपस्थित रहे.

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