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राज्य में 63,000 से अधिक लोग एचआईवी से ग्रसित
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सरकारी प्रयासों के बावजूद मामले बढ़े
भुवनेश्वर। ओडिशा में एचआईवी संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राज्य विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 तक राज्य में कुल 63,742 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। सरकारी प्रयासों के बावजूद, वार्षिक संक्रमण दर 2021 में 2,341 से बढ़कर 2023-24 में 3,436 हो गई, जो बीमारी पर नियंत्रण में आ रही चुनौतियों को दर्शाता है।
राज्य सरकार इस संकट से निपटने के लिए 167 स्वतंत्र एचआईवी परामर्श केंद्र, 1,232 संस्थागत परीक्षण इकाइयां और सात निजी साझेदारी क्लीनिक संचालित कर रही है। इसके अलावा, 52 लक्षित हस्तक्षेप परियोजनाएं और सात लिंक वर्कर कार्यक्रम उच्च जोखिम वाले समूहों में संक्रमण को रोकने के लिए 800 गांवों में सक्रिय हैं।
नियंत्रण प्रयासों में कमी
रोकथाम और जांच पर जोर देने के बावजूद, लगातार बढ़ते मामलों से संकेत मिलता है कि जागरूकता अभियानों या कार्यान्वयन में कुछ कमियां बनी हुई हैं। सरकार ने बढ़ते मामलों के पीछे के कारणों को स्पष्ट रूप से नहीं बताया है, लेकिन सीमित शिक्षा, सामाजिक कलंक और प्रवास से जुड़ी संक्रमण दर इसकी संभावित वजहें हो सकती हैं।
15,752 लोग किडनी रोग से ग्रसित
एचआईवी संकट के साथ-साथ राज्य में अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याएं भी बनी हुई हैं। उदाहरण के लिए, ओडिशा में 15,752 लोग किडनी रोग से ग्रसित हैं। सरकार ने 68 केंद्रों में 511 डायलिसिस बेड की व्यवस्था की है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने में अभी भी चुनौतियां हैं।
सरकार को सुझाव और विशेष प्रयास
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार से निगरानी बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने और एचआईवी रोकथाम को समग्र स्वास्थ्य पहल के साथ एकीकृत करने का आग्रह किया है। प्रवासी श्रमिकों में संक्रमण रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, 11 रेलवे स्टेशनों और प्रमुख बस अड्डों पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को रोकथाम और शीघ्र जांच के महत्व के बारे में जानकारी दी जा सके।