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राज्य में नक्सलवाद गिन रहा है अपनी आखिरी सांसें
भुवनेश्वर। अगले दो सालों के अंदर ओडिशा नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। यहां नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उक्त बातें धीरेंद्र कुमार, डीआईजी ने आज सोमवार को कहीं। वह यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल 2010 से ही ओडिशा में नक्सल विरोधी अभियान को सफल बनाने में निरंतर प्रत्यनशील हैं तथा प्रदेश में शांति और सुरक्षा को ना सिर्फ मजबूत किया है बल्कि विकास के रास्ते को भी प्रशस्त किया है। जिसका कि नतीजा है कि आज नक्सलवाद ओडिशा में अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है।
उन्होंने बताया कि ओडिशा प्रांत में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अपने निर्णायक दौर में है तथा नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र सिमट कर चंद जिलों तक ही सीमित रह गयें है। इसमें कंधमाल, बोध, कलाहांडी एवं नयागढ़ महत्वपूर्ण हैं। हाल के दिनों में कंधमाल एवं बौध जिले नक्सल गतिविधियों के गवाह रहे हैं, जिसके अन्तर्गत आईईडी और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ी हैं, परन्तु इनका माकूल एवं मुंहतोड़ जवाब हमेशा सुरक्षा बलों ने दिया है।
एक महत्त्वपूर्ण मुठभेड़ में केकेबीएन डिजिवन का डिविजन कमाण्डर ‘दसरू’ सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। सुरक्षा बलों की सफल काउंटर ऑफेंसिफ ऑपरेशन ने नक्सलियों की क्षमता को निष्प्रभावी कर दिया है तथा उनके प्रभाव क्षेत्र को सीमित कर दिया है।
बड़ापाजू में 99वीं वाहिनी के एक सीओबी की स्थापना
पुलिस तथा बीएसएफ ने एक रणनीतिक निर्णय के तहत कंधमाल जिले के उत्तर एवं उत्तर पश्चिमी इलाके जो बौध जिले के साथ हैं, बीएसएफ सीओबी स्थापित करने का निर्णय लिया। इसी क्रम में 28 फरवरी को ग्राम पंचायत सालूगुड़ा, पुलिस स्टेशन-गोछापाड़ा के अन्तर्गत बड़ापाजू में 99वीं वाहिनी के एक सीओबी की स्थापना की गई है। जिला मुख्यालय से 45 किलो मीटर दूर में जंगल के मध्य यह एक दूरस्थ क्षेत्र है जहां नक्सलियों की बेरोक टोक गतिविधि जारी थी। इन नक्सली गतिविधियों पर काबू करने तथा प्रदेश को सम्पूर्ण रूप से नक्सल से मुक्त करने की दिशा में सीओबी बड़ापाजू की स्थापना मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही सुरक्षा बलों की तैनाती में जो वैक्यूम था उसे भी पार पाने में मदद मिलेगी।
99वीं वाहिनी के कमांडेंट संजीव कुमार एवं जिला के पुलिस अधीक्षक सुबंधू कुमार पात्र ने ना सिर्फ भारतीय तिरंगा को लहराया, बल्कि नक्सलियों को सीधा संदेश दिया कि प्रदेश में नक्सलवाद का खात्मा अब बिल्कुल करीब है।
गणमान्य व्यक्तियों एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में सीओबी का अनावरण
उन्होंने बताया कि स्थानीय गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति में एक रंगारंग कार्यक्रम के द्वारा इस सीओबी का अनावरण किया गया। सामूहिक खान-पान के साथ-साथ सिविक एक्शन प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया। ग्रामीणों ने तहेदिल से बड़ापाजू में बीएसएफ के सीओबी के स्थापना का स्वागत किया है।
कंधामाल, कलाहांडी और बौध में तैनातगी
उन्होंने बताया कि अब ओडिशा के कंधमाल, कलाहांडी और बौध जिले में सीमा सुरक्षा बल की तैनातगी की गई है। ओडिशा में सीमा सुरक्षा बल की तैनातगी 2010 में कोरापुट एवं मालकानगिरि के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से शुरू हुई, जो 2013 तक नवरंगपुर एवं रायगड़ा जिले तक बढ़ायी गयी। सीमा सुरक्षा बल के प्रयासों से कोरापुट जिले में स्थिति सामान्य होने के बाद राज्य पुलिस की मांग पर कंधमाल जिले में तैनाती के लिए कोरापुट जिले से 02 सीमा सुरक्षा बल यूनिटों को तैनात किया गया है।
स्वाभिमान अंचल नक्सल मुक्त
उन्होंने बताया कि स्वाभिमान अंचल जो कभी माओवादियों का लिवरेटेड जोन था, उसे सीमा सुरक्षा बल ने माओवादियों के चंगुल से पूर्णतया मुक्त कर दिया है। कोरापुट जिले के नारायणपटना, बंधुगांव जो कभी नक्सल के गढ़ होते थे, उसे सीमा सुरक्षा बल नक्सवादियों से आजाद किया। हाल के दिनों में भी सीमा सुरक्षा बल ने कोरापुट एवं मालकानगिरि में कई सारे माओवादी डम्प को ध्वस्त करने में सफलता पायी, जिसमें प्रेशर कुकर आईईडी, भारी मात्रा में आईईडी बनाने की सामग्री, विस्फोटक, लेथ मशीन, जिलेटिन स्टीक्स, डेटोनेटर आदि भी बरामद किये हैं।
65 दूर्दांत नक्सली मारे गए
उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन के सहयोग से सीमा सुरक्षा बल ने 2010 से आजतक 65 दूर्दांत नक्सल को मार गिराया है, जिसमें एक नक्सल को 2023 में मारा गिराया गया। इसके साथ ही कुल 793 नक्सल को हिरासत में लिया गया है। कुल 632 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। कुल 496 आईईडी, 882 हथियार, 810 राउंड गोलियां, 2875 किलो ग्राम विस्फोटक, 4499 ग्रेनेड, 7299 डेटोनेटर, 940 मीटर कॉर्डेक्स, 15.506 किलो गांजा और लगभग 1 करोड़ 10 लाख की करेंसी आदि बरामद हुई है।
योजनाओं को भी नक्सप्रभावित गांवों पहुंचा
उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल ने रणनीतिक ऑपरेशन के अतिरिक्त राज्य एवं केंद्रीय सरकारों द्वारा शुरू की जा रही जन कल्याण योजनाओं को भी नक्सप्रभावित गांवों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभायी है। सीएपी, के अलावा दूरस्थ क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा सेवाएं, तकनीकि सेवा, इंटरनेट सेवाओं के सामान को पहुंचाने में भी सीमा सुरक्षा बल का प्रयास सराहनीय है। करियर काउंसिलिंग, जॉब फेयर तथा ट्राइबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से भी शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल ने एक महत्वपर्ण भूमिका निर्वहन कर रही है। इस बहुपक्षीय प्रयास का उद्देश्य नक्सलवाद की पुनरावृत्ति को रोकना है। आज के इस पत्रकार सम्मेलन में धीरेंद्र कुमार के साथ-साथ संजीव कुमार डीआईजी पीआरओ, सुमन कुमार, नवीन कुमार और पीडी गुप्ता कमांडेंट तथा नरेंद्र कुमार सिंह डिप्टी कमांडेंट के साथ-साथ अन्य अधिकारी और जवान उपस्थित थे।