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ओडिशा में दीपावली पर जमकर आतिशबाजी, भुवनेश्वर में वायु प्रदूषण चरम पर
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में दीपावली पर जमकर आतिशबाजी की गई। इस कारण राजधानी भुवनेश्वर में वायु प्रदूषण रविवार रात को चरम पर पहुंच गया और सोमवार तक जारी रहा।
पटाखों से प्रदूषण इतना अधिक फैला था कि भुवनेश्वर के आसमान पर एक कृत्रिम बादल बन गया था। इसके प्रभाव में आज सुबह घना कोहरा जैसी स्थिति बनी रही। कहा जा रहा है कि दिवाली के दौरान पटाखों के लगातार विस्फोट के बाद दिल्ली से लेकर भुवनेश्वर तक हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब हो गई है।
भुवनेश्वर में कुछ स्थानों पर एक्यूआई 300 और 400 के बीच दर्ज किया गया था। यह विशेष रूप से खतरनाक स्थिति में है, क्योंकि नवंबर के दौरान हवा का प्रवाह नहीं होता है, जिससे प्रदूषणकारी कण हवा में अधिक समय तक तैरते रहते हैं। इससे हमें प्रदूषित हवा में सांस लेना पड़ता है। लंबी अवधि हमें लंबे समय तक बीमार बनाती है।
एक मानदंड के रूप में एक्यूआई 0 से 500 तक चलता है। एक्यूआई मान जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही अधिक होगा और स्वास्थ्य संबंधी चिंता भी उतनी ही अधिक होगी। उदाहरण के लिए 50 या उससे नीचे का एक्यूआई मान अच्छी वायु गुणवत्ता को दर्शाता है, जबकि 300 से अधिक एक्यूआई मान खतरनाक वायु गुणवत्ता को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि भुवनेश्वर-कटक कमिश्नरेट पुलिस ने रविवार को दिवाली उत्सव के दौरान जुड़वां शहरों में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। दोनों शहरों में 125 डेसिबल से अधिक ध्वनि स्तर वाले पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके अलावा पुलिस ने पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए नागरिकों से हरित पटाखों का उपयोग करने की अपील की थी, लेकिन दिवाली के दिन सबकुछ विपरीत परिस्थितियों में दिखा। लोगों ने जमकर आतिशबाजी की।