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ओडिशा में बसों की हड़ताल ने थामी रफ्तार

  • राज्यभर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमराई

  • ट्रेनों में देखी गई भारी भीड़, लोग निजी वाहन करने के लिए मजबूर

भुवनेश्वर। ओडिशा में आज शुक्रवार को निजी बस ऑपरेटरों की राज्यव्यापी हड़ताल शुरू हो गई, जिससे राज्य भर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा गई। दुर्गापूजा से पूर्व निजी बस मालिक संघ की आहूत हड़ताल ने रफ्तार थाम दी है। लोग जहां-तहां बस अड्डों पर फंसे हुए हैं। बसों की हड़ताल के कारण ट्रेनों में भीड़ देखने को मिली है। कहीं-कहीं लोग निजी वाहन करने के लिए मजबूर देखे गए। निजी बस मालिक संघ राज्य सरकार की लक्ष्मी योजना का विरोध रहा है, जिसके तहत बसों को चलाने का फैसला राज्य सरकार ने लिया। इसके विरोध में हड़ताल किए जाने के कारण राज्यभर में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य की राजधानी स्थित बरमुंडा बस अड्डा व कटक के प्रमुख बस अड्डा बादामबाड़ी में लोग फंसे हुए हैं। ये लोग दुर्गा पूजा में अपने-अपने गांव जाने के लिए निकले थे।

हालांकि राजधानी भुवनेश्वर व कटक में मो-बसें ही चल रही है, लेकिन निजी बसें न चलने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिन इलाकों में ट्रेन कनेक्शन नहीं है, वहां के लोगों और मूसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में लोग निजी वाहन कर काफी अधिक पैसे खर्च कर अपने घरों में जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

उधर, बालेश्वर समेत कुछ जिलों में निजी बस मालिक संघ के बीच बस हड़ताल को लेकर दो फाड़ देखने को मिला है। इस कारण बालेश्वर जिलों में कुछ बसें चल रही हैं।

बात नहीं बनी, 14,000 बसें नदारद

निजी बस मालिकों के संघ द्वारा बुलाए गए आंदोलन के तहत राज्य में लगभग 14,000 निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं। मीडिया से बात करते हुए निजी बस मालिकों के संघ के सचिव देवेंद्र साहू ने कहा कि हम 20 अक्टूबर की सुबह 6 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल के अपने पहले के फैसले पर कायम हैं, क्योंकि गुरुवार को सीएमओ के साथ चर्चा अनिर्णायक रही। उन्होंने आगे कहा कि गुरुवार को उनकी सीएमओ से बातचीत हुई थी, लेकिन उनकी मांगों को लेकर कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला। साहू ने यह भी कहा कि पूजा के समय अनिश्चितकालीन हड़ताल का उद्देश्य लोगों को परेशानी में डालना नहीं है। हम अपनी इच्छा के विरुद्ध ऐसा करने के लिए बाध्य थे। उनकी असुविधा के लिए हम यात्रियों से माफी मांगते हैं।

लक्ष्मी योजना का विरोध

राज्य सरकार द्वारा लोकेशन-एक्सेसिबल मल्टीमॉडल इनिशिएटिव (लक्ष्मी) के तहत राज्य भर में लोगों के लिए किफायती परिवहन का विरोध हो रहा है। निजी बस ऑपरेटरों ने इसका विरोध किया है। इसके विरोध के बाद कई राउंड की बैठक संघ और सीएमओ के साथ हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

संघ का निर्णय पूरी तरह से एकतरफा – मंत्री

इस बीच, ओडिशा के परिवहन मंत्री तुकुनी साहू ने कहा कि निजी बस मालिकों के संघ का निर्णय पूरी तरह से एकतरफा है। हमने उन्हें 26 अक्टूबर को फिर से चर्चा के लिए बुलाया है। लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए और बस मालिकों को हमारे साथ सहयोग करना चाहिए। मंत्री ने लक्ष्मी बस सेवाओं को लोगों के अनुकूल योजना बताया और कहा कि यह जारी रहेगी।

बस हड़ताल के पीछे राज्य सरकार का प्रायोजित षड्यंत्र – भाजपा

ओडिशा में आज से शुरू निजी बसों की हड़ताल को लेकर लोगों को आ रही भारी परेशानियों के बीच भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि इस हड़ताल के पीछे राज्य सरकार का प्रायोजित षड्यंत्र है।

पार्टी के प्रवक्ता दिलीप मल्लिक ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में एक अहंकारी शासन चल रहा है। आम लोगों के समस्याओं का समाधान कैसे होगा इस पर राज्य सरकार की किसी प्रकार की रुचि नहीं है। सरकार केवल विज्ञापनों के जरिये प्रचार में लगी है। आज समाचार पत्रों में नई बसें चलने को लेकर विज्ञापन प्रकाशित हुआ है, जबकि पूरे राज्य में आज बसें बंद हैं। दुर्गापूजा के समय लोग जब अपने गांव जाने की तैयारी में हैं, तब उनके लिए बस सेवा नहीं है। सरकार को नींद त्याग कर लोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए।

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