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जमानत मिली किसी और को, जेल से दुष्कर्मी की हुई रिहाई
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मामला प्रकाश में आने पर हरकत में आया जेल प्रशासन ने सुधारी गलती
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दोनों कैदियों के एक ही हैं नाम और जाति
भुवनेश्वर। राजधानी स्थित झारपड़ा जेल से जमानत के बाद एक कैदी की रिहाई में बड़ी गलती देखने को मिली है। हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद जेल प्रशासन ने पुलिस की मदद लेते हुए इसे सुधार लिया।
बताया जाता है कि गलत पहचान के कारण झारपाड़ा विशेष जेल अधिकारियों ने एक अन्य कैदी के स्थान पर एक बलात्कार के आरोपी को रिहा कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, 20 सितंबर को अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में झारपाड़ा विशेष जेल में बंद पूर्णचंद्र जेना के बेटे रमेश जेना को जमानत दे दी थी। उसी दि, जेल कर्मचारियों ने लक्ष्मीधर जेना के बेटे रमेश जेना को रिहा कर दिया, जो बलात्कार के मामले में जेल में बंद था। जेल अधिकारियों को गलती का एहसास तब हुआ, जब रमेश जेना, जो अभी भी सलाखों के पीछे बंद थे, के चिंतित परिवार के सदस्यों ने इसकी शिकायत की।
इस पर जेल अधिकारी तुरंत हरकत में आए और मामले की जानकारी पुलिस को दी। बदले में पुलिस 22 सितंबर की शाम को रमेश को गिरफ्तार करने में कामयाब रही और फिर दूसरे रमेश को रिहा कर दिया। इस तरह की गड़बड़ी के बारे में पता चलने के बाद डीआइजी, जेल, गरीब साहू ने शनिवार को जेल का दौरा किया और यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की कि ऐसी गलती क्यों हुई।
साहू ने बताया कि किसी कैदी को रिहा करने से पहले उसका नाम और पता जांचा जाता है। मैं अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं कि इनका पालन किया गया है या नहीं। मुख्य वार्डर, रिहा कैदी, सहायक जेलर, जेलर और अधीक्षक, सभी को जांच के दायरे में लाया गया है।