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सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित, नहीं चल सका प्रश्नकाल
भुवनेश्वर। कुछ दिनों के व्यवधान के बाद ओडिशा विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा चरण शुक्रवार से प्रारंभ हुआ। दूसरे चरण के पहले दिन विपक्षी भाजपा व कांग्रेस के विधायकों ने नव किशोर दास हत्या मामले को लेकर हंगामा किया। इस कारण प्रथमार्ध की बैठक में कोई कामकाज नहीं हो सका। प्रश्नकाल का कार्यक्रम हंगामे के भेंट चढ़ गया। विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केसरी आरुख ने सदन को दो बार स्थगित किया।
आज सुबह पूर्व निर्धारित 10.30 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केसरी आरुख ने प्रश्नकाल का कार्यक्रम शुरु करना चाहा। उन्होंने उद्योग मंत्री प्रताप देव को प्रश्न का उत्तर देने के लिए कहा। मंत्री देव अपनी सीट पर खड़े होकर प्रश्न का उत्तर देते दिखे। उधर, विपक्षी भाजपा व कांग्रेस के विधायकों ने नव किशोर दास हत्याकांड मामले को लेकर मुख्यमंत्री से त्यागपत्र की मांग की। दोनों विपक्षी पार्टियों के विधायक सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे। उनके द्वारा किये जा रहे नारेबाजी के कारण मंत्री प्रताप देव का जवाब मीडिया गैलरी तक स्पष्ट नहीं हो रहा था। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों से अनुरोध किया कि वे अपनी अपनी सीट पर जाएं तथा सदन को सुचारु रुप से चलाने में अपना सहयोग दें। लेकिन विपक्षी विधायकों पर उनके इस अपील का कोई असर नहीं दिखा। वे इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इसे देखकर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 11.30 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की।
दोपहर 11.30 बजे फिर से सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्षी भाजपा व कांग्रेस के विधायक समान मुद्दे को लेकर हंगामा करने लगे। वे सदन के बीच में आकर नारेबाजी करने लगे। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी से राज्य कैबिनेट में पारित किये गये प्रस्तावों के संबंध में सदन को अवगत कराने के लिए कहा। विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने राज्य कैबिनेट की बैठक में लिये गये निर्णयों के बारे में जानकारी दी। विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी जारी रखी थी। इसके बाद गतिरोध समाप्त न होते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को चार बजे तक स्थगित करने की घोषणा की।
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