भुवनेश्वर। ओडिशा रुरल हाउसिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन में भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी विनोद कुमार को हाईकोर्ट ने राहत दी है। भुवनेश्वर के विशेष विजिलेंस कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिये जाने के खिलाफ वह हाईकोर्ट में गये थे। हाईकोर्ट ने उनके आवेदन को स्वीकार करने के साथ साथ उन्हें जमानत दी है। साथ ही निचली अदालत द्वारा लगाये गये जुर्माने पर अंतरिम रोक लगायी है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में विजिलेंस कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिये जाने के साथ-साथ तीन साल की सजा सुनायी थी।
उल्लेखनीय है कि ओआरएचडीसी भ्रष्टाचार मामले में विजिलेंस ने 2005 में प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच के बाद विजिलेंस ने ओएचआरडीसी के तत्कालीन एमडी विनोद कुमार, कंपनी सेक्रटरी, मेट्रो बिल्डर के प्रबंध निदेशक व निदेशक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। ग्रामीण गरीबों के लिए निर्धारित राशि को नियमों का उल्लंघन कर मेट्रो बिल्ड़र को कर्ज के रुप में दिये जाने का आरोप था।
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