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निर्माणाधीन मेगा पेयजल परियोजना में स्थानीय ठेकेदारों को नहीं मिल रहा काम, मुद्दा विधानसभा में उठा

  • बाहरी ठेकेदारों को काम देने पर विधानसभा में विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरे

  • सवाल पूछने की अनुमति ना देने पर जोरदार हंगामा

  • गतिरोध को समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने 16 मिनट तक सदन स्थगित की

भुवनेश्वर. राज्य में निर्माणाधीन मेगा पेयजल परियोजनाओं में बाहर के ठेकेदारों को काम मिल रहा है. ओडिशा के ठेकेदारों को काम नहीं मिल रहा है. इस मुद्दे को लेकर आज सत्ता पक्ष और विपक्षी विधायकों ने गहरी चिंता व्यक्त की. उधर, इस मुद्दे पर प्रश्न पूछने की अनुमति ना मिलने के कारण विपक्षी भाजपा व कांग्रेस विधायकों ने सदन के बीच में आकर हंगामा किया. गतिरोध को खत्म करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 11:14 से 11:30 तक मुल्तवी घोषणा की. इस दौरान सत्तारुढ़ पार्टी के विधायक सौम्य रंजन पटनायक व पंचायती राज और पेयजल मंत्री प्रताप जेना ने इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने दिखे.

प्रश्नकाल में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक निरंजन पटनायक ने राज्य के राज्य में निर्माणाधीन मेगा पेयजल परियोजनाओं में ओडिशा के ठेकेदारों को दूर रखने के लिए जटिल शर्तें रखने को लेकर सवाल पूछा था. इसके उत्तर में विभागीय मंत्री प्रताप जेना ने कहा था कि राज्य के ठेकेदार संस्थाओं को इससे वंचित करने के लिए तथा बाहर के राज्यों को ठेके ठेके संस्थानों को काम देने के लिए टेंडर की शर्तों में किसी प्रकार की जटिल शर्तें लगाए जाने का आरोप सही नहीं है.

विधायक सौम्य रंजन ने कहा कि पेयजल मामले में ओडिशा के लोग पूरे विश्व में काम करते हैं. उन्होंने कहा कि जब वह बिलायत में पढ़ रहे थे, तब जब उनके घर के पानी की पाइप खराब हुई, तो जब उन्होंने कारीगर को बुलाया, तो वो ओडिशा का निकला. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि आज ओडिशा में जो पेयजल परियोजनाओं पर काम हो रहे हैं, उनमें उड़िया लोगों को काम से वंचित रखा जा रहा है. उन्होंने यह भी सवाल किया कि सभी परियोजनाओं को मेगा परियोजना करने की क्या आवश्यकता है.

इसके उत्तर में विभागीय मंत्री ने कहा कि पेयजल के लिए पहले भूतल जल का इस्तेमाल किया जा रहा था. लेकिन कुछ स्थानों पर देखा गया कि भूतल जल पेयजल के रुप में इस्तेमाल करने योग्य नहीं है. इसलिए नदी का पानी लोगों तक पाइप के जरिये पहुंचाने के लिए मेगा जल परियोजनाओं पर कार्य करना पड़ रहा है. समस्त प्रकार के नियमों का पालन किया जा रहा है.

विधायक सौम्य रंजन पटनायक ने कहा कि मंत्री के उत्तर शत प्रतिशत सही है, यह नहीं लग रहा है. उन्होंने कहा कि पेयजल परियोजनाओं के चार आयाम रहते हैं. उसमें से एक इनटेक वेल, दूसरा ट्रीटमेंट प्लांट, ओवरहैड टैंक तथा चौथा पाइप के जरिए घरों को पानी पहुंचाना. सभी काम एक ही कंपनी करेगी, इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. अगर इनको बांट दिया जाता है तो ओडिशा के ठेकेदारों संस्था को भी काम मिल सकता है.

उधर, विपक्षी विधायक भी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन में भी भारी संख्या में पूछना चाह रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभी को अगर सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी तो 3 दिन तक लग सकते हैं. इसलिए उन्होंने विपक्षी विधायकों ने सदन के बीच में आकर इसका विरोध किया. इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 11.14 से 16 मिनट के लिए 11:30 तक स्थगित कर दी.

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