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भुवनेश्वर में मकर संक्रांति पर दिखेगी बिहार की परंपराओं की झलक

  •  गुजरात भवन में पंगत बढ़ाएगी भाईचारे

  • लिट्टी-चोखा, तिलकुट और खिचड़ी जैसे पारंपरिक व्यंजन मिट्टी की यादें करेंगे ताजा

  • क्वीज एवं हाउजी प्रतियोगिता का होगा आयोजन

भुवनेश्वर। मंदिर मालिनी शहर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मकर संक्रांति के उल्लास के बीच बिहार की परंपराओं की झलक देखने को मिलेगी। यहां पर मकर संक्रांति के लिए बिहार के विख्यात व्यंजन तिलकुट जहां भाईचारे के संबंधों की मधुरता को बढ़ाएगा, वहीं लिट्टी-चोखा और खिचड़ी पंगत में बैठे लोगों के संबन्धों को प्रगाढ़ करेगी और मिट्टी की यादें ताजा करेगी। मान्यता रही है कि अगर किसी से संबन्धों की गहराई में उतरना है तो उसके रसोईघर तक अपनी पहुंच बना लीजिए। एक थाली में खाने के साथ स्थापित संबन्ध अटूट और विश्वास के आधार पर स्थापित होता है। इसी कल्पना के तहत बिहार सोशियल वेलफेयर सोसाइटी (बिस्वास) की तरफ से कोरोना पाबंदियों के बाद इस बार नए उल्लास के साथ मकर बंधु मिलन का आयोजन किया जा रहा है। यहां पर ना सिर्फ संस्था से जुड़े सदस्यों के परिवार के सदस्य अपितु विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले अप्रवासी लोगों का जमावड़ा देखने को मिलेगा।

बिस्वास के अध्यक्ष संजय झा एवं महासचिव चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि संस्था की तरफ से मकर संक्रांति खिचड़ी बंधु मिलन समारोह 2023 का आयोजन इस वर्ष गुजरात भवन, चन्द्रशेखरपुर, भुवनेश्वर में शाम 5 बजे से किया गया है। इस समारोह में मुख्य आकर्षण बच्चों के लिए रखा गया प्रश्नपत्र कार्यक्रम है। इसमें हमारे समाज के बच्चों से सामान्य ज्ञान से जुड़े विभिन्न प्रश्न पूछे जाएंगे और विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके साथ ही महिलाओं के लिए हाउजी प्रतियोगिता रखी गई है, जिसमें महिलाएं भाग लेकर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करेंगी। उन्होंने कहा कि तमाम समारोह के बाद भोज में बिहार के परंपरागत लिट्टी चोखा, खिचड़ी, चटपटे व्यंजन आदि का भी प्रबंध किया गया है।

महासचिव चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि मकर पर्व के लिए संस्था की तैयारी पिछले एक सप्ताह से चल रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के उत्सव का उद्देश्य सिर्फ इतना ही है कि अपने प्रदेश को छोड़कर रोजी रोटी या व्यवसाय के लिए ओडिशा में रहने वाले अपने भाइयों को अपने प्रदेश की परंपराओं की कमी ना हो। बिहार की संस्कृति प्रदेश में प्रफुल्लित तरीके से फले-फुले और हमारे भाई बहन हर्षोल्लास के साथ अपने पर्व को सामूहिक रूप से मना सकें। सिंह ने कहा कि इस पर्व को लेकर बिस्वास परिवार के लोगों में उत्साह का माहौल है, संस्था उनके उत्साह को पूरा करने के लिए हर सम्भव प्रयास में जुट गई है। सिंह ने कहा कि इस वर्ष का सामूहिक छठ पर्व बिश्वास की तरफ से नई जगह पर बालीयात्रा मैदान में नदी के तट पर हुआ, जो कि उम्मीद से ज्यादा सफल रहा। इस छठ महापर्व को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चन्द्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में युवा मंच के सदस्यों के सहयोग के लिए उन्हें सम्मानित किया जाएगा।

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