नई दिल्ली। खेलो इंडिया पैरा गेम्स (केआईपीजी 2025) का दूसरा संस्करण गुरुवार (20 मार्च) से शुरू हो रहा है और 2024 पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता तीरंदाज हरविंदर सिंह इसे लेकर काफ़ी अधिक उत्साहित हैं। 34 वर्षीय तीरंदाज का मानना है कि केआईपीजी ने प्रतिस्पर्धा के इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड लाए हैं और यह युवाओं के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक प्रमुख मंच बन गया है। हरविंदर ने खेलो इंडिया पैरा गेम्स के फॉर्मेट और चयन प्रक्रिया की प्रशंसा की और बताया कि यह पूरे भारत में सभी पैरा एथलीटों के प्रदर्शन को कैसे बढ़ावा देता है।
हरविंदर ने साई मीडिया से कहा, “राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 16 एथलीटों का चयन खेलो इंडिया पैरा गेम्स के लिए किया जाता है। यह सभी एथलीटों को राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के लिए प्रेरित करता है। यदि कोई एथलीट पदक जीतने में असमर्थ होता है, तो वह केआईपीजी में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पात्र होने के लिए शीर्ष 16 में स्थान पाने की पूरी कोशिश करता है। इस तरह की प्रक्रिया और प्रणाली एथलीटों को अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती है। यह केआईपीजी 2025 का दूसरा संस्करण है, इसलिए भारत में पैरा खेलों को बढ़ते देखना अच्छा लगता है।”
हरविंदर रैंकिंग चरण में पहले स्थान पर रहे और फिर दिसंबर 2023 में होने वाले खेलो इंडिया पैरा गेम्स के उद्घाटन संस्करण में स्वर्ण पदक जीता। अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन के बाद वह पिछले साल पेरिस में दो बार ओलंपिक पदक विजेता बने, जिसमें व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक भी शामिल है, वही इवेंट जिसमें उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में कांस्य पदक जीता था। अब हरविंदर आगामी केआईपीजी 2025 में एक बार फिर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने बताया कि यह टूर्नामेंट भारत में खेल आयोजनों के लिए एक बेंचमार्क क्यों स्थापित कर रहा है।
हरविंदर ने कहा,” मुझे बहुत खुशी है कि इस स्तर का टूर्नामेंट आयोजित किया जा रहा है। पिछली बार जब मैंने केआईपीजी में प्रतिस्पर्धा की थी, तो ऐसा लगा कि हम किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन में हैं। सेट-अप, शेड्यूल और व्यवस्थाएँ उच्चतम गुणवत्ता की थीं। तब से मुझे पता था कि भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी करने में सक्षम है। इस बार मैं इसी तरह के पैमाने की उम्मीद कर रहा हूँ और मैं मैदान पर लौटने के लिए उत्सुक हूं।”
हाल ही में नई दिल्ली में विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2025 का समापन हुआ और देश की राजधानी अगस्त में विश्व पैरा एथलेटिक्स 2025 की भी मेजबानी करेगी। हरविंदर ने कहा कि भारत में पैरा एथलीटों के लिए घरेलू टूर्नामेंटों में उछाल और पैरा खेलों के लिए सरकार के निरंतर संरक्षण ने एक अधिक समावेशी समाज के निर्माण में मदद की है।
उन्होंने कहा, “सरकार की शीर्ष योजनाएं पैरा खेलों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। निजी संगठनों में भी पैरा एथलीटों में रुचि बढ़ रही है। वे पैरा एथलीटों का समर्थन कर रहे हैं और समाज अधिक समावेशी बन रहा है। भारत अब पैरा खेलों और हमारे प्रदर्शनों को अपना रहा है और उन्हें मान्यता दे रहा है। केआईपीजी 2025 जैसे टूर्नामेंट में एथलीटों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है जो इस बात का संकेत है कि भारत खेल क्षेत्र में समग्र रूप से विकास कर रहा है।”
केआईपीजी 2025 में तीन स्थानों – जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, इंदिरा गांधी स्टेडियम और डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित होगा। इस सात दिवसीय टूर्नामेंट में छह खेलों में 1200 से अधिक एथलीट भाग लेंगे।
साभार -हिस
