नई दिल्ली, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की नेता वृंदा करात गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचीं, जहां पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दूसरे दिन भी अपना धरना जारी रखा। लेकिन ओलंपियन बजरंग पुनिया ने मंच छोड़ने के लिए कहा।
ओलंपियन और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता बजरंग पुनिया ने मंच पर करात और एआईडीडब्ल्यूए दिल्ली के अध्यक्ष को देखकर कहा, “मैडम माइक किसी को नहीं मिलेगा।”
पहलवानों को संबोधित कर रहे पुनिया ने करात से कहा, “मंच से नीचे उतर जाए,… आपसे अनुरोध है कि कृपया मंच से नीचे उतरें और कृपया इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। यह एथलीटों का विरोध है।”
वहीं, करात ने कहा कि वह महासंघ के प्रमुख और कई कोचों के खिलाफ कई एथलीटों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पहलवानों के विरोध का समर्थन करने गई थीं।
करात ने कहा, “हम किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई में हैं, ऐसी कोई भी चीज जो महिलाओं के किसी भी वर्ग को अपमानित करती हो, हम उसके खिलाफ हैं। इसलिए, हम यहां मांग करने के लिए हैं कि सरकार कड़ी कार्रवाई करे।”
उन्होंने आगे कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें (पहलवानों) को यहां आने और धरने पर बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है। किसी भी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी महिला द्वारा किसी भी शिकायत पर कार्रवाई की जाए और जब तक जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती, आरोपी व्यक्ति को हटा दिया जाना चाहिए।”
पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कल से धरने पर बैठे हैं और आरोप लगाया है कि कई पहलवानों का कई वर्षों से यौन शोषण किया जा रहा है।
करात अपने एक सहयोगी के साथ पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन स्थल पर पहुंची थीं।
इससे पहले चैंपियन पहलवान और बीजेपी नेता बबीता फोगट गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर स्थित धरना स्थल पर पहुंचीं।
बबीता ने सभा को संबोधित करने के बाद कहा, “मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि सरकार उनके साथ है। मैं कोशिश करूंगी कि आज उनके मुद्दों को सुलझा लिया जाए।”
हरियाणा खेल एवं युवा मामले विभाग में डिप्टी डायरेक्टर और पूर्व पहलवान बबिता ने इससे पहले ट्वीट किया था, “कुश्ती के इस मामले में मैं अपने सभी साथी खिलाड़ियो के साथ खड़ी हूँ। मैं आप सबको विश्वास दिलाती हूँ कि सरकार से हर स्तर पर इस विषय को उठाने का काम करूँगी और खिलाड़ियों के भावनाओं के अनुरूप ही आगे का भविष्य तय होगा। मैं अपने खिलाड़ियों की इस लड़ाई में उनके साथ हूँ। मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह विश्व में देश का मान-सम्मान बढ़ाने वाले देश के खिलाड़ियों के साथ न्याय करेगी।”
साभार- हिस
