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बालेश्वर में गिरा पेड़.

भीषण चक्रवात यश का बालेश्वर में दस्तक से पहले ही तांडव शुरू

  • चांदबली, धामरा और पुरी में समुद्र हुआ अशांत, उठ रही हैं ऊंची-ऊंची लहरें

  • तेज हवा के साथ बारिश में पेड़ों का उखड़ना शुरू, युद्ध स्थर पर बचाव कार्य जारी

  • बालेश्वर और भद्रक में निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर हटाये गये लोग

चांदीपुर में अशांत समुद्र.

गोविंद राठी, बालेश्वर‌

लैंडफाल का समय भी नहीं हुआ कि आज सुबह से भीषण चक्रवात यश ने अपनी गंभीर का आभास कराना शुरू कर दिया है. तेज हवाओं के साथ भारी बारिश तटीय इलाकों में शुरू हो गयी है. पेड़-पौधों का उखड़ना शुरू हो गया है. यश के प्रभाव के कारण ओडिशा के तटीय इलाकों में बारिश एवं तेज हवाएं शुरु हो गयी हैं. आईएमडी के मुताबिक, भद्रक से लेकर बालेश्वर तक इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा. तूफान का केंद्र प्रशांत महासागर के तल के नीचे बताया गया था, लेकिन सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई थी. बावजूद इसके चांदबली और धामरा में समुद्र अशांत हो गया है. ऊंची-ऊंची लहरें ऊठ रहे हैं. पुरी में भी समुद्र अशांत है.

धामरा में अशांत समुद्र.

तूफान के शुरुआती असर को देखते हुए बालेश्वर और भद्रक जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं. सबसे बड़ी चुनौती बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच राहत अभियान चलाने को लेकर है. कोविद नियमों के पालन को लेकर है.

जिला प्रशासन ने सभी प्रशासनिक विभागों को पूरी तरह से एकजुट कर दिया है. लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है. निचले इलाके और संभावित प्रभावित होने वाले इलाकों से लोगों सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है, ताकि जन हानि को रोका जा सके.

बालेश्वर में उखड़े पेड़ को हटाते राहतकर्मी.

बालेश्वर जिले से लगभग 1.5 लाख लोगों को निकालने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि प्रभावित ब्लॉक भोगराई, बलियापाल, बस्ता, सदर, रेमुना और तटीय क्षेत्रों के विभिन्न ब्लॉकों से कल रात से तटीय क्षेत्रों से खाली करा लिया गया है. खबर लिखे जाने तक करीब 60,000 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका था. आश्रय स्थल में लाए जा रहे लोगों को पहले थर्मल स्कैनिंग से चेककर सेनिटाइज किया जा रहा है. फिर उन्हें डबल मास्क दिए जा रहे हैं और सामाजिक दूरी के नियमों के अनुसार, आश्रय स्थल में रहने की चेतावनी दी जा रही है.

हालांकि बालेश्वर जिले में जिला प्रशासन के पास 140 बहुउद्देश्यीय आश्रय स्थल हैं, लेकिन कोविद दिशानिर्देशों के तहत अतिरिक्त 1,200 आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं, जिसमें स्कूल और अन्य सरकारी भवन शामिल हैं.

बालेश्वर में गिरा पेड़.

झींगा फॉर्म के श्रमिकों और तटीय क्षेत्रों के निवासियों को विशेष रूप से 13 से 14 फीट की ज्वार की लहर के मद्देनजर, खाली कराया जा रहा है और आस-पास के आश्रय स्थल में लाया जा रहा है. तटीय क्षेत्रों से चिन्हित लगभग 600 गर्भवती महिलाएं को नजदीकी पीएचसी और सीएचसी में लाने की प्रक्रिया चल रही थी.

भद्रक में सुरक्षित स्थान पर जाती महिला.

राज्य सरकार के खेल एवं युवा मामलों के सचिव एवं वरिष्ठ आईएएस विशाल देव को इस संकट के दौरान तूफान की निगरानी के लिए राज्य सरकार के विशेष पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है और पूर्वी आईजी दीपेश पटनायक ने सुबह बालेश्वर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से बात करने के साथ विभिन्न अंचलों घूमकर जायजा लिया. इसी तरह, राज्य सरकार के दो मंत्री कैप्टन दिव्याशंकर मिश्र और ज्योति प्रकाश पाणिग्रही भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और लोगों को विभिन्न हिस्सों से कैसे स्थानांतरित किया जा रहा है, इसकी निगरानी कर रहे हैं. उधर, ओड्राफ, एनडीआरएफ की विभिन्न टीमों को प्रभावित होने वाले क्षेत्रो में तैनात कर दिया गया है.

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