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मौसम विभाग ने की लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने में सरकार को सहयोग करने की अपील
भुवनेश्वर. भीषण चक्रवात यश के प्रभाव से समुद्र में ज्वार के कारण औसत समुद्र तल से 4-5 मीटर जितनी ऊंची लहरें उठ सकती हैं. इसके प्रभाव से तटीय चार जिलों में तटों बंध बह सकते हैं. यह जानकारी आईएमडी डीजी मृत्युंजय महापात्र ने देते हुए कहा कि केंद्रापड़ा, जगतसिंहपुर, बालेश्वर और भद्रक सहित राज्य के उत्तरी हिस्सों के तटीय जिलों में चक्रवात ‘यश’ का सबसे अधिक असर होने की संभावना है. महापात्र ने कहा कि चक्रवात से छप्पर वाले घरों, अभ्रक की छतों और यहां तक कि पुरानी पक्की इमारतों को गंभीर नुकसान होने की संभावना है. ताड़, नारियल सहित बड़े पेड़ जो ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में उगते हैं, लैंडफाल के दिन तेज हवा के कारण उखड़ सकते हैं. इन चार जिलों में हवा की गति 120-160 किमी प्रति घंटे रहेगी. उन्होंने कहा कि यह 26 मई की सुबह से धीरे-धीरे बढ़कर 155-165 किमी प्रति घंटे तथा झोंके की रफ्तार बढ़कर 180 किमी प्रति घंटे हो जाएगी. महापात्र ने कहा कि तटीय ओडिशा के बंदरगाहों को भी उनकी गतिविधियों को विनियमित करने के लिए सतर्क कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि चक्रवात को देखते हुए ट्रेन, हवाई और सड़क यातायात को भी नियंत्रित किया जाना चाहिए.
इस घटना की शुरुआत आज बारिश के साथ हो गयी है. कल से बारिश की तीव्रता बढ़ेगी. राज्य के उत्तरी भागों के इन चार संवेदनशील क्षेत्रों में 26 मई को भारी से बहुत भारी वर्षा होगी. महापात्र ने कहा कि खड़ी फसलें ज्यादातर प्रभावित होंगी, जबकि निचले इलाकों में पानी भर जाएगा.
महापात्र ने कहा कि मैं कमजोर क्षेत्रों या घरों में रहने वाले लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे सुरक्षित निकासी में सरकार के साथ सहयोग करें. जब भी सरकार निर्देश देती है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाना चाहिए.
चक्रवात वर्तमान में पारादीप (ओडिशा) से लगभग 500 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में, बालेश्वर से 650 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित है. आईएमडी के डीजी ने बताया कि यह कल तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान में और 26 मई को एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा.