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घरों में संगरोध रोगियों की बनायी दो श्रेणी
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ग्रीन और रेड फ्लैग के रोगियों को दी जा रही अलग-अलग आवश्यक सेवाएं
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच भुवनेश्वर नगर नियम ने कोरोना प्रबंधन में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बेहतरीन सेवाओं के लिए बीएमसी ने कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाये हैं. इसके तहत घरों में संगरोध में रह रहे कोरोना रोगियों की दो श्रेणी बनायी है. इस ग्रीन फ्लैग और दूसरा रेड फ्लैग. मरीजों की देखभाल के स्तर को और बेहतर बनाते हुए बीएमसी ने रोगियों को दो प्रकारों में वर्गीकृत करते हुए 1929 के माध्यम से उनकी निगरानी शुरू कर दी है.
बिना या हल्के लक्षणों वाले मरीजों को ग्रीन फ्लैग केस कहा जा रहा है. मध्यम रूप से प्रभावित लोगों को रेड फ्लैग केस कहा जा रहा है.
सामान्य रूप से प्रभावित रेड फ्लैग रोगियों को उचित निगरानी और दैनिक आधार पर उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जांच की जाती है. इसके बाद जोन स्तर पर आरआरटी से इनपुट मिलने के बाद रेड फ्लैग मरीजों की सूची अपडेट की जाती है.
साथ ही फोन करके डाक्टर रोज कोरोना संक्रमित की स्थिति पर नजर रख रहे हैं और आवश्यकता के अनुसार, उनको दवाओं के प्रयोग का सुझाव दे रहे हैं.
बीएमसी आयुक्त संजय सिंह ने टीम को निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमित रोगियों को कम से कम तीन दिन तक फोन करके स्थिति पर नजर रखें, ताकि जरूरत के हिसाब से उनका इलाज सुनिश्चित किया जाये. साथ ही उन्होंने रेड फ्लैग के कोरोना संक्रमितों की एक सूची तैयार करने को भी कहा है तथा जोनस्तर पर उनकी निगरानी रखने को कहा है.
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