केंद्रापड़ा. जिले में गहिरमाथा समुद्र तट पर लुप्तप्राय ओलिव रिडले प्रजाति के कछुओं की 1.48 करोड़ आबादी बढ़ी है. इस साल गहिरमाथा द्वीप पर अद्वितीय प्राकृतिक घटना हुई है, जहां माता कछुओं ने इनती संतानों को जन्म दिया है.
भितरकनिका मैंग्रोव (वन्यजीव) के प्रभागीय वन अधिकारी रंजन दास ने कहा कि इस मानव रहित गहिरामाथा समुद्र तट पर गुरुवार तक कुल 1.48 करोड़ बच्चे अंडे से निकल चुके हैं. उन्होंने कहा कि कछुओं का जन्म 25 अप्रैल से शुरू हुआ था और वार्षिक कार्यक्रम अब अपने चरम पर पहुंच चुका है.
उन्होंने बताया कि नसी-ii द्वीप पर अंडे देने के लिए मादा कछुओं द्वारा खोदे गए 2.98 लाख घोंसले से बच्चे निकले हैं. नवजात शिशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे सतर्कता बरती जा रही है. उन्होंने बताया कि घोंसले से बाहर निकलने के बाद बच्चों को समुद्र तट की ओर अपनी यात्रा शुरू करने से पहले एक घंटे के लिए समुद्र तट पर देखा जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि गहिरामाथा समुद्र तट को व्यापक रूप से इन लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा घोंसला बनाने वाला मैदान माना जाता है. इस साल लगभग 3.49 लाख महिला कछुओं ने सामूहिक घोंसला बनाया था. अधिकारी ने कहा कि चूंकि घोंसले क्षतिग्रस्त नहीं हुए थे और ज्यादातर बरकरार रहे थे, इसलिए हैचिंग अधिक है.