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राज्य सरकार का निर्णय जनता के हित के लिए बेहतर : विजय खंडेलवाल
शैलेश कुमार वर्मा, कटक
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ओडिशा सरकार द्वारा 5 मई से 19 मई तक लॉकडाउन लगाने को लेकर कटक की जनता में खुशी की लहर है. दो दिन पूर्व ही कटक की जनता, व्यवसायिक संघ,एवं पूजा कमेटी ने फैसला किया था कि तीन मई से 15 दिनों तक के लिए दो बजे तक ही सभी दुकानें खुली रहेंगी. इसका स्वागत सीएमसी के अधिकारियों ने भी किया था. इधर रविवार को राज्य सरकार ने घोषणा की कि 5 मई से 19 मई तक पूर्ण रूप से लॉकडाउन रहेगा. यह खबर मीडिया में आते ही कटक के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. गौरतलब है कि इन दिनों कोरोना महामारी बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों में भी एक डर सा समा गया है. राज्य सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कटक मारवाड़ी समाज के पूर्व अध्यक्ष एवं उद्योगपति विजय खंडेलवाल ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पहले ही कह चुके हैं कि राज्य की 4.5 करोड़ जनता मेरा परिवार है और परिवार का मुखिया होने के नाते मेरा पहला कर्तव्य बनता है कि उनकी सुरक्षा कैसे की जाए. विजय खंडेलवाल ने तहे दिल से मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि काश सभी राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जैसे होते.
युवा समाजसेवी एवं मुरारका ग्रुप एंड कंपनीज के प्रबंध निदेशक सुनील मुरारका ने भी राज्य सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए काफी सराहना की और उन्होंने भी कहा कि राज्य के हित के लिए इस समय लॉकडाउन लगाना बहुत जरूरी था. जिस प्रकार कोरोना महामारी प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसको देखते हुए राज्य सरकार का फैसला एवं निर्णय स्वागत योग्य है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अवकाश प्राप्त अधिकारी एवं पूर्व यूनियन लीडर अजय सामल ने भी लॉकडाउन के फैसले का स्वागत किया और कहा कि अभी की जो स्थिति ओडिशा की है और जिस प्रकार कटक में दिन-प्रतिदिन कोरोना की संख्या बढ़ती जा रही है उसको देखते हुए राज्य सरकार के निर्णय का एवं लॉकडाउन के फैसले का स्वागत करते हैं. हालांकि कुछ मजदूर वर्ग से बात करने पर उन्होंने निराशा जताते हुए कहा कि जितना जरूरी लॉकडाउन करना था इतना जरूरी मजदूरों के पेट पालने के लिए भी उचित व्यवस्था करना सरकार के लिए जरूरी था जो प्रतिदिन मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भरते हैं ऐसे में लॉकडाउन करने के बाद कमाई का कोई जरिया नहीं रह जाता है.