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हराभरा हुआ परिवार, तीन अनाथ एवं असहाय बच्चों को मिला जीने का सहारा

  •  तमिलनाडु के एक नि:संतान दंपत्ति ने लिया गोद

राजेश बिभार, संबलपुर
स्थानीय सर आइजक सांत्रा बाल निकेतन में गुजर-बसर कर रहे तीन अनाथ एवं असहाय बच्चों को आखिरकार जीने का सहारा मिल गया है। चेन्नई के एक नि:संतान दंपत्ति ने विधिवत तरीके से उन बच्चो को गोद लिया और अपने साथ चेन्नई लेकर गए हैं। वहां पर उन बच्चों के भाग्य को संवारने का काम आगे बढ़ाया जाएगा। चेन्नई जाने से पहले उस दंपत्ति ने डीएम शुभम सक्सेना से मुलाकात की और उन बच्चों के भविष्य पर विस्तारित चर्चा की। जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, चेन्नई कांचीपुरम निवासी कार्तिक नागराजन एवं शुभश्री कार्तिक का विवाह दस साल पहले हुआ था। इस दरम्यान उनके घर में एक भी संतान का जन्म नहीं हुआ। अंतत: उन्होंने बच्चा गोद लेने की योजना बनाया और तमिलनाडु सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर विधिवत आवेदन किया। अंतत: उनकी यह तलाश संबलपुर में आकर खत्म हुई। जिन बच्चों को गोद लिया गया है, उनका नाम रीना धानगुंडी (15), शंकर धानगुंडी (12) एवं तुलसी धानगुंडी (7) बताये गये हैं। तीनों कुचिंडा के रहनेवाले हैं। माता एवं पिता की मौत के बाद तीनों भाई-बहन अनाथ हो गए और इसके बाद जिला प्रशासन ने उनकी सुध लिया और उन्हें आइजक सांत्रा बाल निकेतन में आश्रय दिया था। आज तीनों बच्चे जीवन एक नयी उड़ान पर उड़ चले हैं।

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