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किशन मोदी और नथमल चनानी को समाज के समर्थन देने के दावे पर मोहनलाल सिंघी पर बरसे
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कहा-किस हैसियत से जैन समाज और तेरापंथ समाज के समर्थन की बात कह रहे हैं वह
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मुस्लिम समुदाय में जारी होता है फतवा, जैन समुदाय में नहीं
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अपनी इच्छा के अनुसार मतदान करें जैन समुदाय के मतदाता – अशोक
हेमंत कुमार तिवारी, कटक,
कटक मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष पद के चुनाव में प्रबल दावेदारों, किशन कुमार मोदी और नथमल चनानी उर्फ मामा जी को जैन समाज के समर्थन देने के मोहनलाल सिंघी के बयान पर अशोक सिपानी ने कड़ा ऐतराज जताया है। जैन श्वेतांबर तेरापंथ भवन समिति ट्रस्ट के उपाध्यक्ष अशोक सिपानी ने कहा कि तेरापंथ और जैन समाज किसी की बपौती नहीं है, जिससे कोई किसी को भी यह आश्वासन दे सकता है, उसका समर्थन किसी भी प्रत्याशी के साथ है।
उल्लेखनीय है कि जैन समाज के वरिष्ठ सदस्य मोहनलाल सिंघी ने शुरू में कटक मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी नथमल चनानी उर्फ मामाजी को आश्वासन दिया था कि पूरे जैन समाज का समर्थन आपके साथ है। इसके बाद और 2 दिन पहले एक अन्य प्रत्याशी किशन कुमार मोदी की सभा में उन्होंने इसी बात को दोहराया कि पूरे जैन समाज का समर्थन आपके साथ है। दोनों प्रबल दावेदारों को जैन समाज का खुलेआम समर्थन देने का वादा चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोग तो मोहनलाल सिंघी को कटक का शरद पवार कहने लगे हैं। इस खबर के सुर्खियों में छाने के बाद जैन श्वेतांबर तेरापंथ भवन समिति ट्रस्ट के उपाध्यक्ष अशोक सिपानी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए एक संदेश हमें भेजा है। उसमें उन्होंने कहा है कि समाज को कोई अपनी बपौती ना समझे और ना ही अपने हिसाब से किसी के समक्ष इसको थाली में परोसे।
सिपानी ने कहा कि मतदान की प्रक्रिया गुप्त होती है ऐसी स्थिति में मोहनलाल यह कैसे कह सकते हैं कि समाज के सभी सदस्य उनके कहे अनुसार ही मतदान करेंगे। आखिर मोहनलाल समाज में किस पद पर आसीन हैं, जिससे कि वह पूरे समाज का नेतृत्व करने का दावा कर रहे हैं। अशोक ने कहा कि किसे कहां मतदान करना है, यह तय करने वाले मोहनलाल कौन होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को पूरे समाज की जिम्मेदारी लेने का कोई हक नहीं है। संविधान में सबको अपने मन के हिसाब से मतदान करने और प्रत्याशी का चयन करने का अधिकार प्राप्त है, तो मोहनलाल कैसे यह कह सकते हैं कि पूरे जैन समाज का समर्थन किसी एक प्रत्याशी के साथ है। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मोहनलाल को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि वह किस हैसियत से पूरे समाज के नेतृत्व और साथ देने की बात कह रहे हैं। अशोक ने कहा कि जहां तक हमें जानकारी है कि जैन समाज ने कोई भी ऐसा प्रस्ताव पारित कर मोहनलाल को अधिकृत नहीं किया है कि वह पूरे समाज के नेतृत्व करते हुए किसी भी एक प्रत्याशी को समर्थन देने का वादा करें।अशोक सिपानी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि समाज को समर्थन देने की बात कहकर मोहनलाल सिंघी जैन समाज के लिए फतवा जारी कर रहे हैं कि उनके कहे अनुसार ही लोग मतदान करें। फतवा जारी करने की परंपरा मुस्लिम समाज में है, जैन समाज में नहीं। इस बात का ध्यान मोहनलाल को रखना चाहिए। जैन समाज में फतवा जारी करने का रिवाज नहीं है, इसलिए मतदाता अपनी ही इच्छानुसार ही अपने पसंदीदा प्रत्याशी को ही मतदान करें।