भुवनेश्वर. राज्य में कोविद-19 के दौरान बहुचर्चित मास्क व पीपीई कीट तथा इसके मुकाबले के लिए अन्य यंत्रों की खरीद में ओडिशा मेडिकल कॉरपोरेशन द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने के संबंध में कांग्रेस द्वारा लोकायुक्त के समक्ष दायर याचिका की बुधवार को सुनवाई हुई. इसमें राज्य सरकार की ओर से उद्योग सचिव हेमंत शर्मा व ओडिशा मेडिकल कॉरपोरेशन के एमडी श्रीमती यामिनी उपस्थित थे. इसके अलावा सरकार की ओर से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार महापात्र का उत्तर लोकायुक्त के समक्ष रखा गया. ओडिशा सरकार के अधिकारियों से लोकायुक्त द्वारा पूछा गया कि कोरोना मुकाबले के लिए लिए गठित पर्चेज कमेटी में बार-बार क्यों परिवर्तन किया गया. स्वास्थ्य विभाग के सचिव के बजाय उद्योग विभाग के सचिव को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. इसके अलावा बाद में उद्योग सचिव को इस पद से क्यों हटाया गया है. इस संबंध अधिकारियों ने कहा कि मुख्य सचिव के निर्देश के मुताबिक, उसमें परिवर्तन किया गया है. इसके बाद लोकायुक्त ने मुख्य सचिव को जांच के दायरे में लाने के लिए कहा और उन्हें इसका उत्तर रखने के लिए आगामी 23 नवंबर तक का समय दिया है. आवेदनकर्ता सुदर्शन दास ने कहा कि उस समय विभिन्न राज्यों द्वारा मास्क 2 रुपये से 8 रुपये तक खरीदे जा रहे थे, लेकिन उस स्थिति में ओडिशा मेडिकल कार्पोरेशन ने 16 रुपये प्रति मास्क देकर क्यों खरीद की है, इस बारे में राज्य सरकार द्वारा दिये गये उत्तर में जिक्र नहीं है. लोकायुक्त ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आगामी सुनवाई के लिए 23 नवंबर की सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित की.
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