-
विश्वासघात को लेकर जताई गहरी पीड़ा
ब्रह्मपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता पीतावास पंडा की हत्या के मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे परत दर परत हैरान करने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। उनके परिवार ने मीडिया से बात करते हुए गहरी व्यथा और अविश्वास व्यक्त किया। परिवार ने कहा कि जिन चार लोगों को पुलिस ने अब मुख्य आरोपी बताया है, बीजू जनता दल (बीजद) नेता व पूर्व विधायक विक्रम पंडा, पिंटू दास, मदन दलेई और मलय बिसोई, वे सभी पीतावास पंडा के बेहद करीबी थे।
हम सदमे में हैं – छोटा भाई
पीतावास पंडा के छोटे भाई ने भावुक होकर कहा कि हम बेहद सदमे में हैं। ये वही लोग हैं जिन्हें मेरे भाई ने खुद आगे बढ़ने का मौका दिया था। उन्हीं के भरोसे पर रिश्ते बने, और वही लोग साजिश रचकर हत्या कर दें, यह कोई कैसे सोच सकता है? उन्होंने कहा कि हत्या के बाद यही लोग शोक व्यक्त करने हमारे घर आए, लेकिन हमें क्या पता था कि वही असल गुनहगार हैं।
उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा कि ऐसे विश्वासघात को समाज में उदाहरण बनाने के लिए सबसे कठोर सजा दी जानी चाहिए।
कठिन जांच के बाद हुआ बड़ा खुलासा
बुधवार को ब्रह्मपुर के एसपी सरवण विवेक एम ने बताया कि यह केस अत्यंत जटिल था और इसमें पुलिस को कई तकनीकी और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 17 दिनों की सतत जांच के बाद पुलिस ने पूर्व विधायक और बीजद जिला अध्यक्ष विक्रम पंडा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।
जांच के दौरान पुलिस ने लगभग 100 लोगों से पूछताछ की और 70 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जांच दल ने साइबर ट्रैकिंग, गवाहों के बयान, फॉरेंसिक साक्ष्य और जमीनी खुफिया जानकारी का सहारा लिया।
अभी और गिरफ्तारियां संभव
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं क्योंकि कुछ संदिग्धों की भूमिका की जांच जारी है। इस हत्या ने न केवल राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैलाई है बल्कि समाज में विश्वास और रिश्तों के मायने पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।