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ओडिशा सरकार ने शिपबिल्डिंग हब और व्यापारिक पोर्ट की घोषणा की
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पोर्ट-लैड इंडस्ट्रियलाइजेशन के लिए बड़ी पहल
भुवनेश्वर। ओडिशा राज्य अपने तटीय क्षेत्र और रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाकर पोर्ट-लैड इंडस्ट्रियलाइजेशन को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ी तैयारी कर रहा है। उद्योग मंत्री संपद चंद्र स्वाईं ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य की विकास योजना पुरवोदय और विकसित ओडिशा रोडमैप के तहत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
पारादीप को केंद्र में रखकर निवेश आकर्षित करने की योजना
मंत्री ने बताया कि मुंबई में 27 से 31 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले पांच दिवसीय इंडियन मरीन वीक इवेंट से पहले राज्य सरकार पोर्ट और समुद्री व्यापार से जुड़े क्षेत्रों में बड़े निवेश को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इस इवेंट के दौरान 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौते होने की संभावना है, ओडिशा का लक्ष्य लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश सुनिश्चित करना है।
गंजाम में बहुड़ा ग्रीनफील्ड पोर्ट
राज्य के समुद्री नेटवर्क में बहुड़ा में गहरे समुद्री पोर्ट का निर्माण एक प्रमुख परियोजना है, जिसमें 21,500 करोड़ रुपये का निवेश होगा। लगभग 5,000 एकड़ क्षेत्र में विकसित यह पोर्ट पारादीप का उप-पोर्ट के रूप में कार्य करेगा। पूरा होने पर यह पोर्ट सालाना 150 मिलियन टन माल संभालने में सक्षम होगा, जिससे ओडिशा की व्यापारिक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह गंजाम जिले का दूसरा पोर्ट होगा, जिससे राज्य की तटीय संपत्तियों का सशक्तीकरण होगा।
केन्द्रापड़ा में शिपबिल्डिंग क्लस्टर
साथ ही ओडिशा मरिटाइम बोर्ड और पारादीप पोर्ट अथॉरिटी ने केन्द्रापड़ा में बड़े पैमाने पर शिपबिल्डिंग क्लस्टर स्थापित करने का समझौता किया है, जिसमें 24,700 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह परियोजना महानदी के किनारे 2,000 से 2,500 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जाएगी और इसमें एक या अधिक शिपयार्ड होंगे, जिनकी संयुक्त क्षमता सालाना 1.2 मिलियन ग्रॉस टन होगी।
पोर्ट और मरीन इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार होगा
इन परियोजनाओं से न केवल पोर्ट और मरीन इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार होगा, बल्कि लॉजिस्टिक लागत कम होगी, कनेक्टिविटी मजबूत होगी और ओडिशा पूर्वी भारत में एक प्रमुख समुद्री हब के रूप में स्थापित होगा।