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कई दिनों की गहन पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी
भुवनेश्वर/राउरकेला। ओडिशा के सुंदरगढ़ ज़िले में पिछले सप्ताह माओवादियों द्वारा चार टन से अधिक वाणिज्यिक विस्फोटकों की लूट के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मंगलवार को बड़गांव स्थित विस्फोटक गोदाम के मालिक श्रवण अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया।
विशेष जांच दल (एसआईटी) की कई दिनों की गहन पूछताछ के बाद राउरकेला के रघुनाथपल्ली थाने में हिरासत में रखे गए अग्रवाल को गिरफ़्तार किया गया।
ट्रक चालक भी हिरासत में, गोदाम पहले ही सील
सूत्रों के मुताबिक, उस ट्रक के चालक को भी हिरासत में लिया गया है, जो विस्फोटकों को लेकर जा रहा था और जिसे माओवादियों ने रास्ते में रोक लिया था। पुलिस पहले ही बड़गांव स्थित गोदाम को सील कर चुकी है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण पूरे राज्य में अलर्ट बढ़ा दिया गया है।
28 मई को माओवादियों ने लूटे थे चार टन विस्फोटक
घटना 28 मई की है जब के. बालांग थाना क्षेत्र के अंतर्गत बैंकु पत्थर खदान जा रहे ट्रक को माओवादियों ने रोककर लगभग चार टन विस्फोटक, जिनमें करीब 150 पैकेट जिलेटिन स्टिक शामिल थीं, लूट ली थी। यह ट्रक एक जंगल के पास से गुजर रहा था और घटना पूरी तरह सुनियोजित प्रतीत हो रही थी।
एनआईए और एसआईटी कर रही है जांच
घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भी जांच में शामिल किया गया है। ओडिशा पुलिस ने झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमाओं पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी तेज कर दी गई है।
जंगल से बरामद हुए तीन टन विस्फोटक
घटना के बाद सीआरपीएफ, एसओजी और सीओबीआरए की संयुक्त टीम ने बड़े पैमाने पर कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें ओडिशा-झारखंड सीमा के निकट कोइड़ा के तिरिलिपोश जंगल से मुठभेड़ के बाद लगभग तीन टन विस्फोटक बरामद किए गए। माओवादियों ने इन्हें ज़मीन में गाड़कर छिपा दिया था और उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर पुलिस की निगाहों से बचाने की कोशिश की थी।
अन्य संलिप्तों की तलाश जारी
पुलिस का कहना है कि बरामद विस्फोटकों की रासायनिक जांच की जा रही है ताकि उनके स्रोत और संभावित उपयोग का पता लगाया जा सके। साथ ही एसआईटी यह पता लगाने में जुटी है कि क्या लाइसेंस प्राप्त वेयरहाउस से किसी प्रकार की लापरवाही या मिलीभगत के तहत विस्फोटकों की आपूर्ति माओवादियों तक हुई। यह घटना राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा सबक मानी जा रही है और पुलिस अब विस्फोटकों की आवाजाही और भंडारण की निगरानी को लेकर अधिक सतर्कता बरत रही है।