-
पत्रकारों ने किया विरोध प्रदर्शन
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा की प्रेस गैलरी में पत्रकारों के मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। इस फैसले से नाराज दर्जनों पत्रकारों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन कर सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की।
विधानसभा सूत्रों के अनुसार, यह प्रतिबंध सदन की गरिमा बनाए रखने और अव्यवस्था रोकने के लिए लगाया गया है, लेकिन पत्रकारों का कहना है कि यह निर्णय प्रेस स्वतंत्रता पर हमला है और तत्काल खबरें देने की उनकी क्षमता को बाधित करता है।
पत्रकारों ने तर्क दिया कि मोबाइल फोन लाइव रिपोर्टिंग और संचार के लिए अनिवार्य उपकरण है। एक पत्रकार ने कहा कि यह प्रतिबंध लोकतंत्र के लिए खतरा है। मोबाइल फोन के बिना हम अपना काम प्रभावी ढंग से नहीं कर सकते। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
सरकार और पत्रकारों के बीच बातचीत जारी
जहां विधानसभा प्रशासन अपने फैसले पर कायम है, वहीं पत्रकारों की एसोसिएशन इस मुद्दे पर वार्ता जारी रखेगी, ताकि कोई आपसी सहमति का हल निकाला जा सके। यह प्रतिबंध विधानसभा में हाल ही में हुई झड़प के बाद लागू किया गया है। मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र और कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हुई, जो बाद में हाथापाई में बदल गई। स्थिति बेकाबू होते ही स्पीकर सुरमा पाढ़ी ने कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति को सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
बीजद व कांग्रेस ने किया समर्थन
पत्रकारों के समर्थन में बीजू जनता दल की एक टीम विरोध स्थल पर पहुंची। बीजद विधायक अरुण साहू ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह क्या छिपाना चाहती है। पत्रकारों को बिना किसी प्रतिबंध के समाचार रिपोर्ट करने का अधिकार है।
कांग्रेस ने भी पत्रकारों के इस आंदोलन का समर्थन किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने पूर्व विधायक संतोष सिंह सालुजा व बलभद्र माझी को विरोध कर रहे पत्रकारों के समर्थन करने के लिए भेजा।