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मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय राज्यस्तरीय पराक्रम दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि पराक्रम दिवस ओड़िशा के लोगों के लिए गर्व और गौरव का प्रतीक है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर कटक में आयोजित राज्यस्तरीय पराक्रम दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हिस्सा लिया और इस अवसर पर तीन दिवसीय पराक्रम उत्सव का शुभारंभ किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा की माटी के इस महान सपूत के साहस, त्याग और सामर्थ्य को सम्मानित करते हुए उनकी जन्मभूमि कटक में जयंती मनाना हम सभी के लिए गर्व का अवसर है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस प्रत्येक भारतीय, विशेष रूप से ओड़िशा के लोगों के लिए गर्व और गौरव का प्रतीक है। इसी दिन महान क्रांतिकारी, देशभक्त और निडर योद्धा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक में हुआ था। आज कटक, उनकी जन्मस्थली होने के नाते, पूरी दुनिया में गर्व महसूस कर रहा है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनवरी 2021 को नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
मातृभूमि के लिए उच्च पद-प्रतिष्ठा को त्यागा
उन्होंने कहा कि नेताजी ने अपनी मातृभूमि के लिए उच्च पद-प्रतिष्ठा को त्याग दिया और अपने आप को जन्मभूमि की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। अडिग साहस के साथ उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य को परास्त करने के लिए सैन्य उपायों का सहारा लिया। जापान के समर्थन से उन्होंने सिंगापुर में निर्वासित भारतीय राष्ट्रवादियों की सहायता से एक अस्थायी भारतीय सरकार आजाद हिंद सरकार का गठन किया। 1943 में, उन्होंने जापानी सहायता से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इस सरकार की स्थापना की और इन द्वीपों को स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2018 को अंडमान और निकोबार के तीन द्वीपों के नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप (रॉस द्वीप), शहीद द्वीप (नील द्वीप), और स्वराज द्वीप (हैवलॉक द्वीप) रखा।
युवाओं को प्रेरित करते हैं उनके विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी के जीवन आदर्श, दृष्टिकोण और समाज कल्याण के लिए उनके विचार युवाओं को प्रेरित करते हैं। हमारे युवाओं को एक समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए नेताजी के आदर्शों पर चलते हुए आगे बढ़ना चाहिए। यह विकसित भारत की नींव रखेगा और वैश्विक मंच पर भारत की शक्ति, सामर्थ्य और सम्मान को मजबूत करेगा। यही नेताजी को हमारी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि होगी।