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कहा-भाषा, साहित्य, संस्कृति, दर्शन जानना और प्रचार करना युवाओं की जिम्मेदारी
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स्वामी विवेकानंद ने भारत के युवा समाज को अपनी अस्मिता पर गर्व करना सिखाया
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भुवनेश्वर में भव्य रूप से राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राष्ट्रीय युवा दिवस पर राज्य के युवाओं से समृद्ध ओडिशा के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समृद्ध ओडिशा के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हमारे युवाओं की होगी। युवा समाज से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और राज्य की आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करना हमारा कर्तव्य है।
वह राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद केवल एक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि एक अमर चेतना हैं। वह जीवन को आध्यात्मिकता और आदर्शों से भरपूर बनाने का प्रतीक हैं।
भुवनेश्वर के रामकृष्ण मिशन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि विवेकानंद का व्यक्तित्व आज भी एक तेजस्वी और महान क्रांतिकारी संन्यासी के रूप में प्रेरणा देता है। उन्होंने भारत के युवा समाज को अपनी अस्मिता पर गर्व करना सिखाया।
युवा समाज की उन्नति पर होगा गर्व
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज हम विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में मना रहे हैं। हमारा युवा समाज जितना उन्नति करेगा, उतना ही भारत के प्रति गर्व महसूस करेगा। भारतीय भाषा, साहित्य, संस्कृति और दर्शन को जानना और उसका प्रचार-प्रसार करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का शिकागो धार्मिक सम्मेलन में दिया गया भाषण एक नया इतिहास बना गया। इससे भारत के धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली।
2036 तक एक समृद्ध ओडिशा का निर्माण हमारा लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2036 तक एक समृद्ध ओडिशा का निर्माण हमारा लक्ष्य है और इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हमारे युवाओं की होगी। मुख्यमंत्री ने युवाओं से इस लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प लेने की अपील की।
स्वामी विवेकानंद एक अद्वितीय प्रेरणा
कार्यक्रम में विशेष अतिथि, बालेश्वर के सांसद प्रताप षाड़ंगी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय युवा समाज के लिए एक अद्वितीय प्रेरणा हैं। उन्होंने भारत की आत्मा को जागृत किया और भारत के प्रति उनका गौरव और स्वाभिमान अतुलनीय था। उन्होंने उपस्थित छात्रों को विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित होकर कम उम्र से ही अपने लक्ष्य निर्धारण का परामर्श दिया।
तीन मिनट के भाषण ने विश्वविख्यात बनाया
भुवनेश्वर (एकाम्र) के विधायक बाबू सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय युवा समाज का प्रतीक हैं। शिकागो में उनके तीन मिनट के भाषण ने उन्हें विश्वविख्यात बना दिया। भारत के युवा नेतृत्व को उन्होंने दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। भारतीय सोच “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” का महत्व उन्होंने बताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन यह संकल्प लेने का है कि हमारा देश विश्व के मानचित्र पर सर्वश्रेष्ठ बनेगा।
कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र उपस्थित थे। डीएवी पोखरिपुट के छात्र जगदीश आचार्य ने स्वामी विवेकानंद के “स्वदेश मंत्र” का पाठ किया।
रामकृष्ण मिशन के सचिव और अध्यक्ष स्वामी आत्मप्रभानंदजी ने स्वागत भाषण दिया और ब्रज किशोर महापात्र ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।