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शास्त्रीय नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
भुवनेश्वर। मुक्तेश्वर नृत्य उत्सव के चौथे दिन की संध्या शास्त्रीय नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति से जगमगा उठी। ओडिशी, कथक और भरतनाट्यम जैसे नृत्य रूपों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
चौथी संध्या की शुरुआत में अग्निमित्र बेहरा और उनकी टीम ने शिव वंदना प्रस्तुत की, जिसने कार्यक्रम का आध्यात्मिक वातावरण तैयार किया। इसके बाद ओडिशी के एकल प्रदर्शन में नृत्य कलाकार सत्यप्रकाश साहू ने दर्शकों का दिल जीत लिया। भरतनाट्यम की प्रस्तुति में आदित्य पीवी और पाश्वनाथ उपाध्याय ने अपनी कला से सभी को मोहित किया। संध्या का समापन नई दिल्ली से आए कथक कलाकार आदिति मंगलदास और उनकी टीम के सामूहिक कथक प्रदर्शन से हुआ।
मुक्तेश्वर मंदिर प्रांगण में आयोजित इन शास्त्रीय नृत्यों ने न केवल स्थल की शोभा बढ़ाई, बल्कि दर्शकों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की गहराई से परिचित कराया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में प्रोफेसर निवेदिता मोहंती, ओडिशा अनुसंधान केंद्र के प्रमुख प्रोफेसर चंडीप्रसाद नंद, कादंबिनी पत्रिका की संपादिका डॉ इति सामंत, संगीत नाटक अकादमी की सचिव डॉ भाग्यलिपि मल्ल और साहित्यकार डॉ मिहिर कुमार साहू उपस्थित रहे।