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प्रधानमंत्री ने 29 मई 2024 को चुनावी सभा में कमला के कार्यों की प्रशंसा की
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उनके पैर भी छुए थे
भुवनेश्वर। केंद्रापड़ा की 66 वर्षीय कमला महाराणा को इस साल नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बदलने और कचरे को खजाने में बदलने के अपने प्रयासों से पहचान बनाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 26 फरवरी को अपने 98वें ‘मन की बात’ एपिसोड में उनके कार्यों की सराहना की थी। कमला पिछले नौ वर्षों से एक स्वयं सहायता समूह का संचालन कर रही हैं, जिसमें 50 महिलाओं को कचरे से कलात्मक उत्पाद बनाकर अपनी आजीविका कमाने में मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने 29 मई 2024 को केंद्रापड़ा में एक चुनावी सभा के दौरान कमला के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उनके पैर छुए थे। इस सम्मान ने कमला के जीवन को नई दिशा दी।
अब केंद्र सरकार ने कमला और उनके बेटे महेंद्र के लिए दिल्ली आने-जाने के हवाई टिकट की व्यवस्था की है। कमला ने इस अवसर पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब मेरे कार्यों की प्रशंसा की, तब से मेरा जीवन पूरी तरह बदल गया है। अब मैं गणतंत्र दिवस परेड और उनसे मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।
‘कबाड़ से कमाल’ की कहानी
कमला प्लास्टिक, पॉलिथीन और अन्य कचरे से टोकरी, पेन स्टैंड, फूलदान और दीवार की सजावट जैसे उपयोगी और सुंदर उत्पाद बनाती हैं।
उन्होंने कहा कि अगर मैंने कचरे को उपयोगी उत्पादों में बदलने का यह विचार नहीं अपनाया होता, तो आज भी मैं जीवन-यापन के लिए संघर्ष कर रही होती। अब मैं दूसरों को भी बेहतर जीवन बनाने में मदद कर रही हूं।
ग्रामीणों का बदला नजरिया
कमला ने बताया कि शुरुआती दिनों में गांववाले उन्हें ‘कबाड़ीवाली’ कहकर मजाक उड़ाते थे, लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी ने उनके कार्य की सराहना की, तो उनका नजरिया बदल गया। कमला की इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि आवश्यकता, रचनात्मकता और समर्पण के साथ कोई भी असंभव को संभव बना सकता है। उनकी कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि दूसरों को भी सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित करती है।