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कहा- सरकार जल्द से जल्द किसानों को मुआवजा दे
ब्रह्मपुर। बीजद अध्यक्ष और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने सोमवार को ओडिशा के गंजाम जिले का दौरा कर फसल नुकसान की स्थिति का जायजा लिया। किसान की आत्महत्या के आरोपों के बीच पटनायक ने खेतों का दौरा किया और प्रभावित किसानों से बातचीत की। उन्होंने अपने गृह क्षेत्र हिंजिली के सेरागड़ा ब्लॉक से दौरे की शुरुआत की और इसके बाद आस्का, कविसूर्यनगर होते हुए खल्लीकोट पहुंचे।
पटनायक ने तबाह हो चुके खेतों का निरीक्षण किया और किसानों से उनकी समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि बीजद यह सुनिश्चित करेगी कि सरकार प्रभावित किसानों को शीघ्र और उचित मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि जिले में फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को जल्दी से जल्दी मुआवजा दिया जाना चाहिए, जैसा मेरी सरकार के समय किया गया था।
जब उनसे भाजपा सरकार को इस स्थिति में क्या सलाह देंगे, यह पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि किसानों को शीघ्र मुआवजा देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने भी किया दौरा
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी उन तीन जिलों का दौरा किया, जहां फसल नुकसान की सूचना मिली थी। माझी ने प्रभावित किसानों के परिवारों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि सभी को समय पर सहायता दी जाएगी।
किसान की आत्महत्या का मामला
मुख्यमंत्री के दौरे से पहले गंजाम जिले के बारंग गांव में कई राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे, जहां 64 वर्षीय किसान बनमाली पेंथाई ने कथित तौर पर फसल नुकसान और कर्ज के बोझ से आत्महत्या कर ली।
बनमाली साझेदार किसान ने पांच एकड़ भूमि पर खेती की थी, जिसमें से दो एकड़ उनकी अपनी थी और तीन एकड़ उन्होंने पट्टे पर ली थी। असमय बारिश से उनकी फसल बर्बाद हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने दो स्वयं सहायता समूहों और एक निजी साहूकार से भारी कर्ज लिया था। कर्ज चुकाने के साधन न होने के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली, जिससे उनका परिवार आर्थिक और मानसिक संकट में है।
विपक्ष का सरकार पर हमला
विपक्षी दल बीजू जनता दल के नेताओं ने बारंग में मृतक किसान के परिवार से मुलाकात की और उनकी सहायता के लिए 20,000 रुपये की मदद दी। बीजद की तथ्य-जांच टीम ने परिवार से हालात की जानकारी ली।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्र शेखर साहू ने राज्य सरकार पर असमय बारिश की चेतावनी जारी करने में असफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने बारिश की भविष्यवाणी की थी, फिर भी सरकार ने किसानों की मदद के लिए कोई सक्रिय कदम नहीं उठाया। यदि समय पर सहायता दी जाती, तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी।
पूर्व विधायक बिक्रम पंडा ने कहा कि अगर सरकार ने समय पर फसल नुकसान का मुआवजा दिया होता, तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं।