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ओडिशा में टेंडर फिक्सिंग रिश्वत मामले में सीबीआई की जांच तेज

  • ब्रिज एंड रूफ कंपनी के कार्यालय में छापेमारी की

  • महत्वपूर्ण दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट बरामद

  • ओडिशा के जनरल मैनेजर चंचल मुखर्जी को रिमांड पर लिया

भुवनेश्वर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ओडिशा में 10 लाख रुपये रिश्वत मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। इस मामले में ब्रिज एंड रूफ कंपनी के ओडिशा जनरल मैनेजर चंचल मुखर्जी को रिमांड पर लिया गया है। सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है और मामले से जुड़ी गहरी जानकारी हासिल करने का प्रयास कर रही है।
सीबीआई ने रविवार को ब्रिज एंड रूफ कंपनी के कार्यालय में छापेमारी की, जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट बरामद किए गए। सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी अब मुखर्जी के संबंधों की जांच कर रही है, जिसमें आदित्य देव इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के मालिक देवदत्त महापात्र और पेंटा ए स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर संतोष महाराणा शामिल हैं।
प्रभावशाली नेटवर्क की जांच
सीबीआई इन व्यक्तियों के आपसी संबंध और उनके नेटवर्क को समझने का प्रयास कर रही है। जांच एजेंसी ने एक फाइव-स्टार होटल के सीसीटीवी फुटेज का भी सहारा लिया है और होटल के जनरल मैनेजर से पूछताछ की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि छापे से पहले होटल के बाहर कौन-कौन लोग मौजूद थे।
चंचल मुखर्जी और संतोष महाराणा बीमार
इधर, खबर है कि चंचल मुखर्जी और संतोष महाराणा बीमार हो गए हैं। मुखर्जी को आज उनके वकील ने कानूनी सलाह दी। उनके वकील राजेश मिश्र ने मीडिया को बताया कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए उन्होंने आज कोई बयान नहीं दिया। वह इलाज के लिए अस्पताल गए हैं।
इधर, मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार और रिमांड पर लिये गए ठेकेदार संतोष महाराणा रिमांड अवधि पूरी होने से पहले ही बीमार हो गए। डायरिया से पीड़ित होने के बाद उन्हें कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के अनुसार, रिश्वत मामले की गहन जांच के लिए सीबीआई 360 डिग्री एंगल अपना रही है।
कोर्ट का रिमांड आदेश
गौरतलब है कि विशेष सीजेएम अदालत ने 7 दिसंबर को भुवनेश्वर में एक लग्जरी कार से करीब 1 करोड़ रुपये जब्त करने के मामले में तीनों आरोपियों को पांच दिन की अतिरिक्त रिमांड पर भेजा था।
भ्रष्टाचार में फंसे बड़े नाम
इस हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें एक ठेकेदार और एक निर्माण कंपनी का अधिकारी भी शामिल है। ओडिशा में टेंडर फिक्सिंग और रिश्वतखोरी के इस मामले ने प्रशासन और निर्माण कंपनियों के बीच गहरे गठजोड़ को उजागर किया है।
विष्णुपद सेठी अब तक नहीं हुए पेश
दूसरी ओर, ओडिशा सरकार के प्रधान सचिव आईएएस विष्णुपद सेठी बार-बार समन के बावजूद सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए हैं। इस बीच सेठी के सरकारी आवास के आसपास कथित तौर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
बीएंडआर कंपनी के महाप्रबंधक का टिप्पणी से इनकार
बीएंडआर कंपनी के महाप्रबंधक (ईस्ट कोस्ट) बीके सिंह ने किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच चल रही है और मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। सीबीआई की रिपोर्ट आने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। सीबीआई को सभी दस्तावेज मिल गए हैं और हमारे कुछ अधिकारियों से पूछताछ की गई है। सिंह ने कहा कि हम जांच प्रक्रिया में सीबीआई के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। हम पिछले आठ से 10 वर्षों से राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। कोई टेंडर फिक्सिंग नहीं की गई है।

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