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विदेशी मुद्रा उल्लंघन के आरोपों की जांच शुरू
भुवनेश्वर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ओडिशा में एक प्रमुख रीयल एस्टेट फर्म जेड के निदेशकों के कार्यालयों और आवासों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत छापेमारी की। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा उल्लंघन से संबंधित आरोपों की जांच के लिए की गई।
सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीमों ने शुक्रवार से शुरू हुई इस कार्रवाई के तहत फर्म से जुड़े 11 स्थानों की तलाशी ली, जिनमें कंपनी के कार्यालय और निदेशकों की संपत्तियां शामिल हैं। यह जांच विदेशी मुद्रा लेनदेन में संभावित अनियमितताओं और वित्तीय कदाचार या मनी लॉन्ड्रिंग के संकेतों का पता लगाने के उद्देश्य से की जा रही थी।
फिलहाल, इस छापेमारी के परिणामों के बारे में न तो ईडी और न ही कंपनी प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है।
हालांकि सूत्रों ने बताया कि आचार्य विहार में ‘जेड’ एस्टेट कार्यालयों और भुवनेश्वर के पटिया इलाके में जेड वन अपार्टमेंट से भारी मात्रा में नकदी जब्त की गई है। जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम बैंक पासबुक, स्टेटमेंट, निवेश के कागजात और कागजी और डिजिटल दोनों रूपों में विदेशी मुद्रा रिकॉर्ड की जांच कर रही है। एजेंसी आय के स्रोत, लेन-देन आरंभ करने वाले बिंदुओं की उत्पत्ति और उन संपर्कों के बारे में पूछताछ कर रही है जिनके माध्यम से विदेशी मुद्रा हस्तांतरण हुआ। इस बीच अवैध लेनदेन को सक्षम करने में ‘जेड’ एस्टेट समूह से जुड़े प्रभावशाली लोगों की संभावना की भी जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि ईडी बेहद संवेदनशील और अघोषित तरीके से छापेमारी कर रहा है। इसके अलावा सबूतों से छेड़छाड़ की किसी भी संभावना को कम करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है।
यह घटना ओडिशा के रीयल एस्टेट क्षेत्र में नियामक अनुपालन को लेकर चिंताएं बढ़ा रही है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी और जानकारी सामने आने की उम्मीद है।