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राज्यपाल के रूप में रघुवर दास के एक साल पूरे

  • शुरुआत के तीन महीनों में पूरे किए 30 जिलों के तूफानी दौरे

  • जमीनी स्तर पर जनता से जुड़कर बने जनप्रिय राज्यपाल

  • विपक्ष के निशाने पर भी रहे कुछ मुद्दों पर

भुवनेश्वर। ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा कर लिया है। 31 अक्टूबर 2023 को शपथ ग्रहण करने वाले रघुवर दास ने शुरुआती तीन महीने में प्रदेश के 30 जिलों का तूफानी दौरा कर एक सक्रिय और जनसंपर्कशील राज्यपाल की छवि बनाई। लोगों से सीधा संवाद स्थापित कर उन्होंने आमजन के दिलों में अपनी अलग जगह बनाई है। जमीनी स्तर पर विभिन्न समस्याओं का जायजा लेकर उनकी सहजता और जनता से जुड़ाव ने उन्हें एक लोकप्रिय राज्यपाल के रूप में उभारा है।

राज्यपाल पद का कार्यभार संभालते ही रघुवर दास ने बिना समय गंवाए ओडिशा के विभिन्न जिलों का दौरा करना शुरू किया। उन्होंने अपने पहले तीन महीनों में राज्य के सभी 30 जिलों का दौरा पूरा कर लिया। ऐसा दौरा करके उन्होंने एक रिकार्ड स्थापित किया, जो किसी भी राज्यपाल के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इन दौरों के दौरान उन्होंने न केवल स्थानीय जनता, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात की और जनता की समस्याओं को सीधा सुनने का प्रयास किया।

दौरे के दौरान, उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बुनियादी सेवाओं के साथ-साथ केंद्र सरकार की योजनाओं से संबंधित मुद्दों पर ध्यान दिया और आवश्यक सुझाव और शिकायतों के निवारण के लिए तत्काल निर्देश भी दिए। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर उन्होंने लोगों की समस्याओं को समझने की कोशिश की और इसी कारण जनता के बीच उनकी लोकप्रियता में तेजी से इजाफा हुआ।

विकास कार्यों में सक्रिय योगदान

राज्यपाल रघुवर दास ने केवल औपचारिक भूमिकाओं तक सीमित न रहते हुए विकास कार्यों में भी रुचि दिखाई। अपने दौरे के दौरान उन्होंने कई योजनाओं की समीक्षा की और सुनिश्चित किया कि उनका क्रियान्वयन सुचारु रूप से हो। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए वह लगातार प्रयासरत रहे। सरकारी योजनाओं की निगरानी के साथ ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक सुविधाओं का विस्तार कराने में भी विशेष रुचि ली। उनकी इस सक्रियता ने न केवल शासन प्रशासन में एक नई ऊर्जा का संचार किया, बल्कि जनता में यह भरोसा भी पैदा किया कि राज्यपाल उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील हैं।

विपक्ष का विरोध और मुद्दों पर असहमति

हालांकि, राज्यपाल विपक्ष के निशाने पर भी रहे। राजभवन में पूर्व उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू, असम के मुख्यमंत्री हेमन्त बिस्व सरमा और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के साथ शिष्टाचार मुलाकात के बाद बीजद के मुखिया नवीन पटनायक ने आरोप लगाया था कि राजभवन को राजनीति का वार रूम बना दिया गया है। हालांकि इसके बाद पूर्व उपराष्ट्रपति कार्यालय ने खंडन किया था। इतना ही नहीं राज्यपाल रघुवर दास ने बीजद मुखिया नवीन पटनायक के जन्मदिन पर शुभकामनाएं देकर अपनी सौम्य व्यवहार का प्रदर्शन किया।

राजभवन के दरवाजे सभी के लिए खोले

राज्यपाल रघुवर दास ने 30 अक्टूबर को ओडिशा आते ही यह घोषणा की थी कि राजभवन के दरवाजे 24 घंटे सभी लोगों के लिए खुले हैं। इस घोषणा के बाद जरूरतमदों लोगों का राजभवन आना शुरू हुआ तथा उनकी आवश्यकताओं राजभवन पूरा किया।

ओडिशा को एक प्रगतिशील राज्य बनाना है

राज्यपाल रघुवर दास हमेश करते हैं उनका और उनकी सरकार उद्देश्य ओडिशा को एक प्रगतिशील राज्य बनाना है, जहां सभी लोगों को समान अवसर मिलें। इसके लिए उन्होंने युवाओं के कौशल विकास पर भी ध्यान देने की बात कही है, ताकि राज्य में बेरोजगारी की समस्या को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि यहां संभावनाएं बहुत हैं।

राजनीति बदलाव की नींव रखी

राजनीतिक पंडित मानते हैं ओडिशा आने के बाद शुरुआती तीन महीनों में राज्य के सभी 30 जिलों में राज्यपाल के तूफानी दौरे ने सत्ता परिवर्तन की नींव रखी। शिकायतों पर राज्यपाल के तत्काल कदम उठाये जाने के कारण लोगों की इच्छाएं बढ़ती गयीं और यहीं से भाजपा को एक बड़ा मौका मिला, जब जनता राजनीतिक बदलाव के प्रति जागरूक होता दिखी।

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