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ओडिशा जल्द लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020

  • राज्य सरकार ने उठाया बड़ा कदम

  • क्रियान्वयन के लिए विशेष टास्क फोर्स का पुनर्गठन

  • कई उप-समितियां भी बनाईं गईं

भुवनेश्वर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ओडिशा जल्द लागू होगी। मुख्यमंत्री मोहन माझी के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विशेष टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया है।

स्कूल और जनशिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ जल्द ही ओडिशा में लागू की जाएगी ताकि राज्य की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाया जा सके और इसके लिए प्रारंभिक तैयारियां पहले से ही शुरू हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि एक टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए छह उप-समितियों का भी गठन किया गया है। हमारी सरकार ओडिशा की शिक्षा प्रणाली को सुधारने और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का सफल क्रियान्वयन निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाएगा।

अधिसूचना भी जारी

टास्क फोर्स के पुनर्गठन के संबंध में विधिवत रुप से अधिसूचना भी जारी की गई है। अधिसूचना के अनुसार, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के संबंध में विभागीय अधिसूचना संख्या 13118, दिनांक 23.09.2020 में आंशिक संशोधन करते हुए, राज्य सरकार ने ओडिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को लागू करने के लिए उपायों की सिफारिश करने हेतु डीसी-कम-एसीएस की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया है।

टास्क फोर्स में विकास आयुक्त अध्यक्ष

इस टास्क फोर्स में अब विभिन्न विभागों के 13 सदस्य शामिल हैं और विकास आयुक्त को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सदस्यों में स्कूल और जनशिक्षा विभाग, एसटी और एससी विकास विभाग, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, पंचाय़तीराज और पेयजल विभाग, वित्त विभाग, महिला और बाल विकास विभाग, कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा विभाग, खेल और युवा सेवा विभाग के प्रधान सचिव और अन्य अधिकारी शामिल हैं।

विशेष आमंत्रित सदस्य भी होंगे शामिल

इसके अलावा, यूनिसेफ, सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन, अक्षरा फाउंडेशन, लैंग्वेज लर्निंग फाउंडेशन, प्रथम और उच्च शिक्षा विभाग के नामित व्यक्ति सहित विशेषज्ञ सदस्य विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किए जाएंगे।

छह थीमैटिक उप-समितियों का पुनर्गठन

इसके साथ ही, शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न घटकों को संबोधित करने के लिए छह थीमैटिक उप-समितियों का पुनर्गठन किया गया है। इन उप-समितियों में स्कूल और जनशिक्षा विभाग के तहत काम कर रहे अन्य विभागों, निदेशालयों के प्रतिनिधि और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल होंगे।

प्रारंभिक बाल्यकाल शिक्षा उप-समिति, जिसका अध्यक्ष महिला और बाल विकास विभाग के निदेशक हैं, में 12 सदस्य हैं। ड्रॉपआउट दर और सभी के लिए शिक्षा उप-समिति, जिसका अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा निदेशक हैं, में 13 सदस्य हैं। पाठ्यक्रम उप-समिति, जिसका अध्यक्ष तकनीकी शिक्षा और एससीईआरटी के निदेशक हैं, में 16 सदस्य हैं। शिक्षक शिक्षा उप-समिति, जिसका अध्यक्ष भी तकनीकी शिक्षा और एससीईआरटी के निदेशक हैं, में 12 सदस्य शामिल हैं। ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा उप-समिति, जिसका अध्यक्ष कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा के निदेशक हैं, में 10 सदस्य शामिल हैं। वित्त उप-समिति, जिसका अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षा निदेशक हैं, में 9 सदस्य हैं। प्रत्येक उप-समिति का एक नामित सदस्य-सचिव होता है।

विशेष बैठक में अन्य विशेषज्ञ हो सकते हैं आमंत्रित

समिति या उप-समिति के अध्यक्ष विशेष मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विशेष बैठक में अन्य विशेषज्ञों या संबंधित व्यक्तियों को आमंत्रित कर सकते हैं, ताकि नई शिक्षा नीति-2020 के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके।

यह उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान घोषणा की थी कि ओडिशा सरकार जल्द ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करेगी।

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