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पहले दृष्टिहीन पैरासेलोर और पर्वतारोही बने बपिना नायक
नयागढ़। ओडिशा के नयागढ़ जिले के सुदूर गांव भिकारीपड़ा में जन्मे एक दृष्टिही युवक ने अपनी इच्छा शक्ति से इतिहास रच डाला है। दृष्टिहीन बपिना नायक ने समाज की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करते हुए आज वह ओडिशा के पहले दृष्टिहीन पैरासेलोर और पर्वतारोही बने हैं। इस युवक ने अपनी इस शारीरिक अक्षमता ने उन्हें कभी भी कमरे की चार दीवारों तक सीमित नहीं रखा।
बपिना नायक ने न केवल 1100 फीट ऊंची चंदका पहाड़ी पर चढ़कर तिरंगा फहराया, बल्कि चंद्रभागा बीच से 350 फीट ऊंचाई तक पैरासैलिंग भी की। इसके साथ ही उन्होंने ओडिशा की दृष्टिहीन फुटबॉल टीम के कप्तान बनने का गौरव भी प्राप्त किया है।
बपिना का जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ खेल में भी रुचि बनाए रखी। उनका कहना है कि अगर व्यक्ति के अंदर इच्छा शक्ति हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें आज एक प्रेरणा के रूप में खड़ा किया है।
बपिना की मां चंचला नायक ने कहा कि पहले कोई उनके साथ दोस्ती नहीं करता था, लेकिन आज वही लोग उनकी सफलता से प्रेरित होकर उनसे दोस्ती करना चाहते हैं। आज वह अपने गांव के बच्चों के लिए एक आदर्श बन चुके हैं।