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छह महीनों में 2,394 मामले पाये गये
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धोखाधड़ी की राशि लगभग 36 करोड़ रुपये तक पहुंच
भुवनेश्वर। केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के प्रयासों के बावजूद ओडिशा में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में चौंकाने वाली वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह महीनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से कम से कम 2,394 साइबर धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।
जनवरी से जून 2024 के बीच, विभिन्न पुलिस थानों में कुल 2,394 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें धोखाधड़ी की राशि लगभग 36 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
पुलिस आयुक्त संजीव पंडा ने जानकारी दी कि पुलिस ने 9.5 करोड़ रुपये फ्रीज किए हैं और 46 लाख रुपये पीड़ितों को वापस कर दिए हैं, जबकि अन्य पीड़ित अभी भी अपने धन की वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
धोखाधड़ी के मुख्य तरीके
पंडा के अनुसार, अधिकांश साइबर धोखाधड़ी के मामले यूपीआई धोखाधड़ी, सोशल मीडिया, पार्सल डिलीवरी, क्रेडिट कार्ड डिलीवरी, और सिम केवाईसी संदेश भेजने के माध्यम से हुए हैं।
21 गिरफ्तारियां, कानूनी प्रक्रिया तेज
बताया गया है कि अब तक कमिश्नरेट पुलिस ने 21 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है और उन्हें अदालत में पेश किया है। इनमें से पांच आरोपी अंतर-राज्यीय साइबर धोखाधड़ी के सदस्य हैं।
बढ़ते साइबर अपराध चिंता के कारण
तेजी से बढ़ते साइबर अपराध के मामलों ने पुलिस और आम जनता दोनों के लिए चिंता का विषय बना दिया है। पुलिस की प्राथमिकता है कि अधिक से अधिक मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर पीड़ितों को राहत पहुंचाई जाए और साइबर अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया जाए।
प्रभावित क्षेत्रों की व्यापकता
पंडा ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी के मामले केवल भुवनेश्वर से ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों से भी सामने आए हैं। यह दर्शाता है कि साइबर अपराध की पहुंच राज्य के कई हिस्सों में फैल चुकी है।
दो प्रकार के प्रमुख मामले
पंडा ने बताया कि दो प्रकार के साइबर धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। इनमें पहला है डिजिटल धोखाधड़ी और दूसरा निवेश धोखाधड़ी। इनमें से अधिकांश मामले डिजिटल धोखाधड़ी के हैं।