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बीजद की हार के बाद नहीं दिख रहे हैं वीके पांडियन

  • ओडिशा छोड़कर दिल्ली जाने की चर्चाएं तेज

भुवनेश्वर। ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव में बीजद की करारी हार के बाद नौकरशाह से नेता बने वीके पांडियन ओडिशा में नहीं दिख रहे हैं। चर्चा है कि वह नई दिल्ली में देखे गए हैं।

खबरों के मुताबिक, पांडियन विस्तारा की फ्लाइट से बुधवार रात करीब 11.10 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे।  हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि पांडियन दिल्ली क्यों गये हैं और उनका अगला कदम क्या होगा।  पांडियन राज्य में 2024 के चुनावों में बीजू जनता दल (बीजद) के नंबर दो के स्टार प्रचारक थे। बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक के करीबी माने जाने वाले पांडियन 4 जून को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रहे हैं।

पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक के बाद बीजद में नंबर दो माने जाने वाले पांडियन ने क्षेत्रीय पार्टी के चुनाव प्रबंधन और अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बीजद की बड़ी जीत और नवीन के 9 जून को रिकॉर्ड छठी बार सीएम पद की शपथ लेने के बारे में उनका दावा विफल हो गया, क्योंकि भाजपा ने विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में क्षेत्रीय पार्टी को धूल चटा दी है।

राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी

वीके पाडियन ने यहां तक घोषणा की थी कि अगर नवीन को छठी बार वोट नहीं मिला तो वह राजनीति छोड़ देंगे। इसके बाद जबसे परिणाम आया, वह कथित तौर पर लापता हो गए, लेकिन नवीन पटनायक चुनाव परिणामों के बाद कम से कम दो बार सार्वजनिक रूप से सामने आ चुके हैं।

पहली बार पर नवीन दिखे अकेले

पूर्व मुख्मयंत्री नवीन पटनायक पहली बार पांडियन के बिना अकेले देखे गये। पांडियन हमेशा उनके साथ रहते थे। हार के बाद किसी को भी उनके ठिकाने के बारे में पता नहीं है। लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।

दिल्ली जाने का कारण पता नहीं

खबरों के अनुसार, पांडियन बुधवार को नवीन निवास में थे और उन्होंने बुधवार रात को नई दिल्ली के लिए विस्तारा की उड़ान ली और रात करीब 11.10 बजे राष्ट्रीय राजधानी के हवाई अड्डे पर उतरे। बताया जाता है कि वह एक स्टार होटल में ठहरे हैं। हालांकि, कोई नहीं जानता कि वह ऐसे समय में दिल्ली क्यों गए हैं, जब उन्हें हाल ही में संपन्न चुनावों में बीजद की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या वह बीजद के पार्टी कार्य के सिलसिले में वहां गए हैं या अपने निजी और राजनीतिक हित के लिए।

क्या पांडियन राजनीति में बने रहेंगे?

हालांकि पांडियन के चुनाव से पहले राजनीतिक संन्यास लेने के बड़े-बड़े दावे को लेकर अब उनके करियर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या पांडियन ओडिशा की राजनीति में बने रहेंगे। लोगों में यह धारणा है कि पांडियन के कारण ही बीजद को करारी हार का सामना करना पड़ा और अब उनके लिए आगे का रास्ता मुश्किलों भरा हो सकता है। वे या तो राज्यसभा में जाने की कोशिश करेंगे या फिर पर्दे के पीछे से बीजद में सक्रिय बने रहेंगे। बीजद में उनकी क्या भूमिका होगी, यह तो निश्चित तौर पर नवीन ही तय करेंगे। कुछ लोगों का मानना है कि ओडिशा में झटका खाने के बाद वे तमिलनाडु में भी राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं। अब सभी को उनकी दिल्ली में गतिविधियों के बारे में जानने की उत्सुकता है।

पांडियन जायेंगे जेल – जयनारायण

इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता जयनारायण मिश्र ने पांडियन के लापता होने के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह जेल जाएंगे। पुलिस उसकी तलाश करेगी। उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक ही मुख्य दोषी हैं। नवीन पटनायक दूसरों पर आरोप लगाकर बच नहीं सकते। उन्होंने सवाल किया कि पांडियन को किसने काम पर रखा? पांडियन को किसने नियुक्ति दी थी। वह पांडियन को दोष देकर बच नहीं सकते। नवीन भी पांडियन जितना ही जिम्मेदार है।

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