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Odisha: निजी सचिव वीके पांडियन को दशहरा पर नवीन पटनायक का उपहार, कैबिनेट मंत्री का दर्जा

  • 5-टी और नवीन ओडिशा के चेयरमैन नियुक्त

  • वीआरएस लेने के 24 घंटे में नवीन पटनायक ने सौंपी नई जिम्मेदारी

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दशहरा के मौके पर वीके पांडियन को तोहफा देते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। इसके साथ ही उन्हें 5-टी और नवीन ओडिशा के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी है। पांडियन की वीआरएस को स्वीकार किए जाने के 24 घंटे के अंदर वीके पांडियन को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान करते हुए 5-टी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। पांडियन सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अधीन काम करेंगे। यह जानकारी यहां सामान्य प्रशासन और सार्वजनिक शिकायत विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई है। बताया गया है कि वीके पांडियन को कैबिनेट मंत्री के पद पर 5-टी और नवीन ओडिशा के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया है। पांडियन सीधे मुख्यमंत्री के अधीन काम करेंगे।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के इस फैसले ने वीके पांडियन के भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। हालांकि माना जा रहा था कि वीके पांडियन नवीन पटनायक के करीबी की भूमिका में ही रहेंगे।

2000 बैच के आईएएस अधिकारी पांडियन

वीके पांडियन 2000 बैच के आईएएस अधिकारी थे। उन्होंने पंजाब कैडर से अपने कार्यकाल की शुरूआत की। इसके बाद यहां की सुजाता राउत के साथ उनको प्रेम हो गया और उन्होंने उनके साथ शादी कर ली थी। इसके बाद पांडियन ने अपना कैडर परिवर्तन करके ओडिशा आ गए। यहां साल 2002-04 अपना करियर कलाहांडी जिले के धर्मगढ़ से उपजिलाधिकारी के रूप में शुरू किया। इसके बाद 2005-07 तक मयूरभंज जिले के जिलाधिकारी, 09 अप्रैल 2007 से 29 अप्रैल 2011 तक गंजाम में जिलाधिकारी के तौर पर काम किया। चूंकी गंजाम मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का चुनावी जिला रहा है, इसी कारण वह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सीधे संपर्क में आ गए। इसके बाद मई 2011 में वह मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद वह उन्हें 2019 में 5-टी सचिव बनाया गया था।

जिलों के दौरे को लेकर बने विपक्ष का निशाना

इस बीच वीके पांडियन ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश पर जिलों का दौरा शुरू कर दिया था। इसे लेकर राज्य की राजनीति खूब गरमाई और विपक्षी दलों ने सड़क से लेकर विधानसभा तक इसका पुरजोर विरोध किया था। विपक्ष नौकरशाहों के समक्ष जनप्रतिनिधियों की गिरती प्रतिष्ठा को लेकर लगातार नवीन पटनायक सरकार पर हमला बोल रहा था। इसके साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल और भुवनेश्वर की सांसद तथा भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता अपराजिता षाड़ंगी ने केंद्रीय कार्मिक विभाग के पास लिखित शिकायत करते हुए वीके पांडियन के खिलाफ आईएएस कैडर नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई की मांग की थी तथा इस शिकायत के आधार पर राज्य के प्रमुख सचिव को जांच का निर्देश दिया गया था। हालांकि अभी तक इस जांच में क्या पाया, इसका खुलासा नहीं हुआ है।

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