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नवीन ओडिशा के शब्द को लेकर राजनीतिक चर्चा शुरू
भुवनेश्वर। लगभग 23 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद बीजू जनता दल (बीजद) ने अपने प्रसिद्ध नारे बीजू ओडिशा को हटा दिया है और नवीन ओडिशा पर भरोसा करना शुरू कर दिया है। बीजू जयंती के अवसर पर बीजद के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने नवीन ओडिशा का संकल्प लिया। उनके अनुसार, नवीन ओडिशा का अर्थ एक नया और विकसित ओडिशा है। दूसरे शब्दों में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के शासन के दौरान ओडिशा ने जो विकास हासिल किया है, उसका प्रचार करके मतदाताओं को आकर्षित करना पार्टी की रणनीति है।
बीजद नेता देवी प्रसाद मिश्र ने कहा कि भारत में ओडिशा उन राज्यों में से एक है, जो विकास के पथ पर है। राज्य ने जो भी प्रगति की है, वह हमारे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में हुई है। नवीन ओडिशा का मतलब है कि हम राज्य को सफलता के शिखर पर ले जाएंगे।
इधर, वरिष्ठ नेता दामोदर राउत ने कहा कि यहां विवादास्पद प्रश्न यह है कि क्या यह बीजद का कोई भला करेगा? अगर बीजू जनता दल ओडिशा के बजाय नवीन ओडिशा कहेगा, तो मैं इनकार करने वाला कौन होता हूं? लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि ओडिशा के लोग इसे कैसे स्वीकार करेंगे।
वहीं पारादीप में बीजू बावू की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बीजद विधायक सौम्य रंजन पटनायक ने कहा था कि बीजू बाबू सात साल से ज्यादा सत्ता में नहीं रह सके, लेकिन उनके नाम की और उनके बेटे की सरकार वाली पार्टी पिछले 20 से 22 साल से आपको सत्ता का लाभ दे रही है, लेकिन क्या आप इतने सक्षम हैं कि इस शहद का स्वाद चख सकें? अगर आपको अपने दादाजी की मूंछों पर गर्व है, तो कोई और सम्मान नहीं करेगा। युवा मतदाताओं ने अपने जीवनकाल में नवीन पटनायक को अपने मुख्यमंत्री के रूप में देखा है। 2024 के आम चुनाव में बीजू बाबू की विरासत के बारे में सुनने के बाद हो सकता है कि वे पार्टी के पक्ष में अपना वोट न दें। मुझे ऐसा लगता है कि पार्टी अपने कार्यकाल के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों का प्रचार कर रही है।