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पढ़ाई को लेकर स्थानीय लोगों ने उठाये सवाल
भुवनेश्वर। केन्दुझर जिले के एक विद्यालय में हिन्दी माध्यम में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षकों की भारी कमी है। इस विद्यालय के प्राथमिक के बच्चों के लिए 252 छात्र- छात्राओं के लिए केवल एक शिक्षक पढ़ाने के लिए हैं। केन्दुझर जिले के बोलानी स्थित डीएवी स्कूल में हिन्दी माध्यम में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं व शिक्षकों की यही अनुपात है। सूचना अधिकार कानून के तहत यह जानकारी मिलने के बाद इस स्कूल में बच्चों की पढ़ाई कैसे हो रही होगी, इसे लेकर सवाल उठने लगा है।
बताया जाता है कि स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया (सेल) द्वारा संचालित इस विद्यालय में हिन्दी व ओड़िया दोनों माध्यम में पढ़ाई होती है। इस विद्यालय में दसवीं तक पढ़ाई होती है। ओड़िया माध्यम में 427 छात्र-छात्राएं हैं, जबकि हिन्दी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 377 है। इस विद्यालय में हिन्दी व ओड़िया माध्यम के बच्चों के लिए कुल 15 शिक्षक हैं। इसमें से प्रधान शिक्षक ही स्थायी हैं और शेष सभी शिक्षक कंट्राक्चुअल हैं। इस कारण यहा पढ़ाई ठीक से हो नहीं पा रही है।
सूचना अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी के अनुसार, सेकेंड्री में हिन्दी माध्यम के बच्चों व शिक्षकों का अनुपात काफी बेहतर है। सेकेंड्री में 31.25 छात्र–छात्राओं के लिए एक शिक्षक है।
इसी तरह ओड़िया माध्यम के बच्चों की बात करें, तो प्राथमिक वर्ग में छात्र व शिक्षकों का अनुपात 48.16 बच्चों के लिए एक शिक्षक है। इसी तरह सेकेंड्री वर्ग में छात्र व शिक्षकों का अनुपात 46 बच्चों के लिए एक शिक्षक हैं।
सूचना अधिकार कानून के तहत यह सूचना हासिल करने वाले सेल के सेवा निवृत्त कर्मचारी विवेकानंद नंद ने कहा कि इतनी कम संख्या में शिक्षकों से कैसे पढ़ाई हो सकती है। बच्चे देश के भविष्य़ होने के कारण उन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही यहां चाहिए कि आवश्यक संख्या में शिक्षक इस विद्यालय में प्रदान किया जाये अन्यथा इन बच्चों के भविष्य़ खराब हो सकता है। बोलानी एक खदान इलाका होने के कारण पूरे देश के लोग यहां हैं। इस कारण यहां हिन्दी में पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या इतनी अधिक है।