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सेवायतों में असहयोग के कारण विवाद की भेंट चढ़ी सभी नीतियां
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नये साल की शुरुआत से ही लिंगराज मंदिर में पूजा-पाठ ठप
भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर स्थित लिंगराज मंदिर में सेवायतों के आपसी मतभेद के कारण प्रभु लिंगराज तीन दिनों से भूखे हैं। मंदिर की सभी नीतियां ठप पड़ी हुई हैं और प्रभु लिंगराज को भोग भी नहीं चढ़ाया जा रहा है। नये साल पर एक पुष्प भी भगवान को नहीं चढ़ाया गया है। बताया जाता है कि मंदिर के भोग मंडप में एक गैर सेवायत के प्रवेश को लेकर सेवायतों के बीच हुए विवाद के कारण भगवान लिंगराज रविवार दोपहर से भूखे हैं।
ब्राह्मण नियोग ने बाड़ू नियोग पर अनुष्ठानों के पालन में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। अनुष्ठानों के इस तरह विघ्नता पड़ने का क्रम सा बनते जा रहा है। बताया जाता है कि सेवायतों, मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन के बीच सहयोग का अभाव है, जिससे कि इस तरह के विवाद बार-बार उठ रहे हैं और भगवान भूखे रहने को मजबूर हैं।
आरोप निराधार : बाडू नियोग
बाड़ू नियोग के सचिव कमलाकांत बाड़ू ने ब्राह्मण नियोग के लगाए गए आरोप को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि बाड़ू नियोग पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। बाड़ू नियोग को अनुष्ठानों को बाधित करने के लिए नहीं जाना जाता है। ब्राह्मण नियोग और पूजा पंडा नियोग के सेवायतों द्वारा बार-बार इस तरह के व्यवधान पैदा किए जा रहे हैं। कल एक बैठक बुलाई गई थी, लेकिन वे उसमें नहीं आए। गतिरोध तभी समाप्त होगा, जब वे सहयोग करेंगे।
सभी अनियमितताओं के लिए मंदिर प्रशासन जिम्मेदार
बाड़ू नियोग के सचिव कमलाकांत बाड़ू ने विवाद की वजह के बारे में कहा कि हम सभी युगों से रीति-रिवाजों का पालन कर रहे हैं। खराब हुए प्रसाद को दफनाने की सामान्य प्रथा है, लेकिन इसे लोगों में बांटा जाता तो मुझे खुशी होती, लेकिन उन्हें भक्तों को बेच दिया गया। ऐसी सभी अनियमितताओं के लिए मंदिर प्रशासन जिम्मेदार है।
सामाजिक कार्यकर्ता का धरना प्रदर्शन
इधर, सामाजिक कार्यकर्ता नीलमणि मिश्र ने भगवान को भूखे रखे जाने का विरोध करते हुए लिंगराज मंदिर के सामने धरना दिया। उन्होंने कहा कि यह घृणित है कि भगवान लिंगराज के अनुष्ठानों को नए साल के दिन से तीन दिनों तक बाधित है। अभी तक उन्हें एक भी फूल नहीं चढ़ाया गया है। इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। प्रशासन ने ध्यान दिया होता तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि बाद में हम अपना विरोध तेज करेंगे।