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ओडिशा में 1715 करोड़ की एमएसपी हड़पने की साजिश रचने का दावा

  • भाजपा ने लगाये गंभीर आरोप

  •  5 लाख 54 हजार एकड़ जमीन में खेती की रिपोर्ट सही नहीं – बसंत पंडा

  •  केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधि दल किसानों की समस्याओं को लेकर केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मिला

भुवनेश्वर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बसंत पंडा ने आज एक गंभीर आरोप लगाते हुए ओडिशा में 1715 करोड़ रुपये की एमएसपी हड़पने की साजिश रचने का दावा किया है।
ओडिशा में लगातार किसानों से धान की खरीद में भ्रष्टाचार, मंडियों के प्रबंधन में अव्यवस्था तथा किसानों को आ रही समस्याओं के समाधान के लिए केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति व सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल हस्तक्षेप करें।
केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नेतृत्व में भाजपा सांसदों का प्रतिनिधिदल मंत्री गोयल से मिल कर इस आशय का ज्ञापन सौंपा।
इस प्रतिनिधिदल के सदस्य बसंत पंडा ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नकली किसान, फ्राड व्यापारी मंडियों के कर्मचारियों के साथ मिलकर धान की बिक्री के टोकन हथिया रहे हैं तथा एमएसपी की राशि लूट रहे हैं। सेटेलाइट सर्वे से पता चला है कि खरीफ ऋतु में 5 लाख 54 हजार 679 एकड़ जमीन पर धान की खेती नहीं हुई है, लेकिन इस बाबत 1715 करोड रुपये की एमएसपी हड़पने की साजिश रची गई है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार किसानों के आय को दुगने करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इसी क्रम में न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है, लेकिन राज्य सरकार की अव्यवस्था के कारण ओडिशा के किसानों के लिए लगातार समस्याएं आ रही हैं। भाजपा की ओर से इस अव्यवस्था को लेकर गत वर्ष मार्च व दिसंबर में दो बार रिपोर्ट केन्द्र सरकार को दी थी। केन्द्र सरकार की जांच टीम ने भी इस मामले में अपनी रिपोर्ट दी है। दुर्भाग्य की बात यह है कि केन्द्र सरकार की जांच टीम द्वारा दिये गये रिपोर्ट व अनुशंसा को राज्य सरकार ने उपेक्षा की है।
उन्होंने कहा कि मंडियां खोलने में भी राज्य सरकार लगातार देरी कर रही है। तटीय जिलों में अभी तक मंडियां नहीं खुली हैं। टोकन देने में भी दिक्कतें की जा रही हैं। पार्टी के आधार पर टोकन दिया जा रहा है। किसानों से प्रति क्विंटल 6 से 8 किलो धान काटा जा रहा है। स्थानीय प्रशासन इस शोषण का समर्थन कर रहा है। किसानों को इससे भारी नुकसान हो रहा है।
इस प्रतिनिधि दल में प्रताप षाड़ंगी, सुरेश पुजारी, संगीता सिंहदेव, नीतेश गंगदेव व आपराजिता षाड़ंगी भी शामिल थीं।

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