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बीएसएफ का आदिवासियों के दिल और दिमाग जीतने का प्रयास

  •  डीआईजी ने युवाओं से सुरक्षाबलों में शामिल होने का आग्रह किया

  •  भर्ती पूर्व प्रशिक्षण में हर संभव मदद का दिया आश्वासन

  •  कहा-मदद के लिए हाथ बढ़ाकर उन्हें नक्सलियों से दूर कर राष्ट्रीय मुख्यधारा में लायेंगे

भुवनेश्वर। बीएसएफ की बटालियन-2 ने कोरापुट जिले के में बोईपरिगुड़ा के अंतर्गत आसपास के गांवों के लोगों के दिल और दिमाग को जीतने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के दौरान लगभग 350 ग्रामीणों को कपड़े, स्टेशनरी, घरेलू सामान और दवाएं वितरित की गईं। कार्यक्रम के दौरान मालकानगिरि सेक्टर के डीआईजी एसके सिन्हा, एस मनोज कार्की, कमांडेंट 02 बीएन बीएसएफ, अपने अधिकारियों और जवानों के साथ उपस्थित थे। डीआईजी ने कहा कि इस तरह के कल्याण कार्यक्रम नागरिकों में सुरक्षा की भावना पैदा करते हैं। भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अपने संबोधन में डीआईजी ने युवाओं को अपनी पढ़ाई पूरी करने, स्वस्थ और फिट रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उनसे सुरक्षा बलों में शामिल होने और देश की सेवा करने का आग्रह किया और उन्हें भर्ती पूर्व प्रशिक्षण में हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। बीएसएफ लंबे समय से जनसंपर्क कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है।

इस तरह के कार्यक्रम आदिवासियों के दिल-दिमाग को जीतने में काफी मददगार साबित होंगे और मदद के लिए हाथ बढ़ाकर उन्हें नक्सलियों से दूर कर राष्ट्रीय मुख्यधारा में लायेंगे। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), रक्षा की पहली पंक्ति, जहां भी बल तैनात है। हमेशा लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है। बीएसएफ भी खेल गतिविधियों का आयोजन कर रहा है और युवाओं को खेल सामग्री वितरित कर रहा है। डीआईजी ने कहा कि सिविक एक्शन प्रोग्राम (सीएपी) माओवादी प्रभावित जिलों में तैनात बीएसएफ द्वारा हर साल किए जाने वाले प्रमुख आउटरीच पहलों में से एक है।
इस कार्यक्रम में मनमति नायक, सरपंच मदुप, ताराचंद बिसोई, प्रधानाध्यापक, शासकीय प्राथमिक विद्यालय बारा, दीपक कुमार शिरका, प्रधानाध्यापक अनलगुड़ा प्राथमिक विद्यालय, महाप्रबंधक मीनाक्षी विद्युत परियोजना और क्षेत्र के वार्ड सदस्यों ने बीएसएफ के कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

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