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कोरापुट सुपर फूड को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लेने के लिए विश्वविद्यालय सहयोगी बनें – धर्मेन्द्र प्रधान
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जनजातीय लोगों को उनकी भाषा में शिक्षा देने की आवश्यकता
भुवनेश्वर। कोरापुट में जैविक पद्धति से उत्पादन हो रहे सुपर फूड को अंतर्राष्ट्रीय़ स्तर पर लेना होगा। इसके लिए कोरापुट केन्द्रीय विश्वविद्यालय खाद्य प्रक्रियाकरण केन्द्र की सहायता ले तथा शोध द्वारा जिले के सुपर फूड को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में सहयोग करे। केन्द्रीय़ शिक्षा, कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह बात कही। कोरापुट केन्द्रीय विश्वविद्यालय के 14वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री प्रधान वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि कोरापुट में जैविक पद्धति से उत्पादन होने वाले धान, आम, सब्जी व काफी आदि विशेष हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में मिलेट या मांडिया को प्रोत्साहन देने की बात कही है। इसलिए इस दिशा में हमें काम करना होगा। कोरापुट में उत्पादन होने वाले मिलेट से तैयार बिस्किट को पूरे विश्व में पहुंचाना होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विकसित भारत के साथ-साथ पांच संकल्प लेने के लिए देशवासियों को आह्वाम किया है। प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुसार कार्य करते हुए अपार संभावना का इलाका कोरोपुट को एक प्रमुख विनिर्माण केन्द्र के रुप में खड़ा करना होगा। यहां उपलब्ध बक्साइट को निर्यात करने के बजाय यहां यह एलुमिनियम तैयार करने का केन्द्र तैय़ार करना होगा। ओडिशा तथा देश को आर्थिक रुप से मजबूत करनेके लिए सभी की सहभागिता जरुरी है।
उन्होंने कहा कि गरीबी को दूर करने की कूंजी शिक्षा है। शिक्षा का सदुपयोग करने के लिए प्रधानमंत्री ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कल्पना की है। इस शिक्षा नीति में मातृभाषा पर महत्व दिया गया है। जनजातीय वर्ग के बच्चों को अपनी मांतृभाषा में शिक्षा देकर उनका विकास किया जा सकता है।