बलांगीर. बलांगीर जिले के एक जंगल के कुएं में रत्न खोजने के दौरान दम घुटने से दो लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान गुलामी गांव के नवीन जानी और नुआपड़ा की उज्ज्वला भोई के रूप में बतायी गयी है.
जानकारी के अनुसार, चार लोगों का एक समूह रत्नों की तलाश में टिकारी जंगल में गये थे. इस दौरान उन्होंने एक कुएं की तलाशी शुरू की. इसके बारे में कहा जाता है कि उन्हें रत्नों के खनन के लिए खोदा गया था. इस दौरान उनमें से दो की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि चिंता बाग और राजकिशोर पढ़ानी नामक दो अन्य लोगों को गंभीर हालत में मौके से बचा लिया गया और बाद में उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
घटना से नाराज स्थानीय लोगों ने बाद में मृतक के परिवारों को मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने जंगल में बड़े पैमाने पर खनन और जंगल में अवैध गतिविधियों को समाप्त करने के लिए स्थानीय प्रशासन की उदासीनता का भी आरोप लगाया. लोगों ने कहा कि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए था, क्योंकि पिछले कई महीनों से क्षेत्र में रत्नों का खनन चल रहा है. एक स्थानीय निवासी ने कहा कि उत्खनन गतिविधियां भी जंगल में जानवरों के लिए काफी समस्याएं पैदा कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग करते हैं. हम अपना विरोध तब तक जारी रखेंगे जब तक कि वन विभाग या सरकार द्वारा मुआवजे की घोषणा नहीं की जाती. हालांकि टिटिलागढ़ के एसडीपीओ सुरेंद्रनाथ शतपथी ने कहा कि घटना घने जंगल में हुई. मृतक के परिजनों के अनुसार वे रत्न के लिए जंगल में खुदाई कर रहे थे. टिटिलागढ़ तहसीलदार प्रेमलाल हियाला ने कहा कि यह घटना पहली बार टिखारी आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत हुई है. हमें पहले जंगल में किसी भी खुदाई कार्य की कोई सूचना नहीं थी.
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