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मूर्तियों की ऊंचाई को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेगी कटक शांति समिति

  • ओडिशा सरकार के निर्णय पर फिर से विचार करने के लिए करेगी अपील

  • बालू बाजार पूजा समिति प्रतिबंधों को उच्च न्यायालय में दे सकती है चुनौती

  • हम 1914 से आठ फीट ऊंची दुर्गा की मूर्ति की पूजा कर रहे हैं और परंपरा को बदलना संभव नहीं – सूर्यकांत संगनेरिया

भुवनेश्वर. दुर्गा पूजा के दौरान मूर्तियों की ऊंचाई को लेकर कटक शांति समिति ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से अंतिम उपाय के रूप में संपर्क करने का फैसला किया है. ओडिशा सरकार आगामी दुर्गा पूजा के लिए देवी दुर्गा की मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट तक सीमित करने के अपने फैसले पर कायम है.

समिति के निर्णय के अनुसार, वह 16 सितंबर तक मुख्यमंत्री से अपील करेगी कि दुर्गा की प्रतिमाओं की ऊंचाई पर निर्णय पर फिर से विचार किया जाए. समिति ने कहा कि हमें 17 सितंबर तक मुख्यमंत्री से जवाब मिलने की उम्मीद है. इसके बाद समिति 17 सितंबर को फिर से बैठक करेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी.

इससे पहले दिन में कटक में शांति समिति और पूजा समिति के सदस्यों की बैठक का आयोजन किया गया था. बताया जाता है कि मूर्ति की ऊंचाई पर सरकार के फैसले पर बीजद के पूर्व विधायक प्रभात बिस्वाल के बयान पर कुछ सदस्यों द्वारा हंगामा किए जाने के बाद बैठक के दौरान तनाव पैदा हो गया था.

मूर्ति की ऊंचाई पर प्रतिबंध पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बीजद सांसद भर्तृहरि महताब ने कहा कि मूर्ति के छोटे आकार का मतलब रुकावट है. उन्होंने राज्य सरकार के फैसले को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि कोई भी इस फैसले को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख कर सकता है.

प्रतिबंधों के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पहले ही कटक में बंद का आह्वान कर चुकी है. उसने कहा है कि ओडिशा सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, विशेष रूप से दुर्गा मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट तक सीमित करने को लेकर लोगों में आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. ऐसे दिशानिर्देशों के विरोध की आवाज बढ़ रही है कि इससे 1000 साल पुरानी परंपरा को चोट पहुंचेगी. लोगों को सरकार के इस फैसले को स्वीकार करने में मुश्किल हो रही है.

उल्लेखनीय है कि मूर्ति की ऊंचाई के मुद्दे ने राज्य में राजनीतिक माहौल को भी गरम कर दिया है. भाजपा नेता समीर दे ने पूजा समिति के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों के साथ सरकार की बैठक पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि बैठक में सत्तारूढ़ दल के वर्तमान और पूर्व विधायक को आमंत्रित किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप पक्षपातपूर्ण निर्णय हुआ. उन्होंने कहा कि बीजद सरकार नहीं चाहती कि इस साल कटक में दुर्गा पूजा मनाई जाए.

कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकीम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बैठक के दौरान कोई फैसला नहीं लिया गया. बाद में सरकार ने पूजा समितियों की दलीलों पर पुनर्विचार किए बिना पहले के दिशानिर्देशों को बरकरार रखा.

इस बीच बालू बाजार पूजा समिति राज्य सरकार के प्रतिबंधों को चुनौती देते हुए राज्य के उच्च न्यायालय जाने की योजना बना रही है.

पूजा समिति के अध्यक्ष सूर्यकांत संगनेरिया ने मीडिया से कहा कि हम 1914 से आठ फीट ऊंची दुर्गा की मूर्ति की पूजा कर रहे हैं और परंपरा को बदलना संभव नहीं है.

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